Himachal News: हिमाचल प्रदेश में पिछले एक महीने से जारी शुष्क और ठंडे मौसम में जल्द सुधार की कोई उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार, 30 नवंबर तक आसमान पूरी तरह साफ रहेगा। इस शुष्क ठंड ने न केवल राज्य के तापमान को गिराया है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी चिंताजनक प्रभाव डाला है। गले में खराश, खांसी और वायरल बुखार जैसे मामलों में अचानक वृद्धि देखी जा रही है। ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है, जिससे दैनिक जीवन प्रभावित हुआ है।
राज्य में नवंबर महीने में सामान्य से 91 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है, जिसने सूखे जैसे हालात पैदा कर दिए हैं । इस शुष्क मौसम का प्रमुख कारण पश्चिमी विक्षोभों की कमी बताई जा रही है । मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने पूर्वानुमान जताया है कि अगले कुछ दिनों में भी बारिश या बर्फबारी की कोई संभावना नहीं है, और मौसम शुष्क ही बना रहेगा । इस स्थिति का सीधा असर राज्य के जल स्रोतों और कृषि कार्यों पर पड़ने की आशंका है।
तापमान में गिरावट ने बढ़ाई ठंड
राज्य भर मेंरात का तापमान लगातार गिर रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की और गिरावट दर्ज की गई है । लाहौल-स्पीति जिले का ताबो शहर राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहाँ न्यूनतम तापमान -6.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया । कुकुमसेरी में -4.7 डिग्री और कल्पा में -0.3 डिग्री तापमान दर्ज किया गया । दिन के अधिकतम तापमान में भी एक से तीन डिग्री की कमी देखी गई है।
इस गिरते तापमान का असर यातायात पर भी पड़ा है। बर्फबारी और अत्यधिक ठंड के कारण लाहौल-स्पीति का कुंजम दर्रा वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है । इससे स्पीति घाटी का सीधा संपर्क लाहौल क्षेत्र से कट गया है। अब स्थानीय लोगों को किन्नौर और समदो के मार्ग से आना-जाना पड़ रहा है, जो एक लंबा और दुर्गम रास्ता है।
स्वास्थ्य समस्याओं में दर्ज हुई वृद्धि
इस तरह कीसूखी ठंड अपने साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आई है। शुष्क हवाओं के कारण गले में खराश, लगातार खांसी, सामान्य सर्दी-जुकाम और वायरल बुखार के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की जा रही है । राज्य के अस्पतालों में इस तरह की शिकायतों वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। डॉक्टर लोगों को ठंड से बचाव और हाइड्रेटेड रहने की सलाह दे रहे हैं।
हालांकि दिन के समय धूप खिली रहती है, लेकिन सुबह और शाम के समय कड़ाके की ठंड लोगों को परेशान कर रही है। मैदानी और निचले इलाकों में दिन का तापमान सामान्य से अधिक रहता है, जबकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाला और बर्फीली हवाएं चलने की संभावना है । मौसम विभाग ने ऊंचाई वाले इलाकों में अगले एक सप्ताह के भीतर बर्फीली हवाएं चलने की चेतावनी भी जारी की है।
राज्य के प्रमुख शहरों का तापमान
शिमलामें न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री और अधिकतम 15.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया । धर्मशाला का न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री और अधिकतम 22.0 डिग्सी रहा। मनाली में न्यूनतम तापमान 1.3 डिग्री दर्ज किया गया, जो स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय है । इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि राज्य के अधिकांश हिस्सों में रात का तापमान सामान्य से नीचे चल रहा है, जबकि दिन का तापमान भी गिरावट के रुझान में है।
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, अगले तीन से चार दिनों में राज्य के अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री की वृद्धि हो सकती है, लेकिन न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा । इसका मतलब है कि ठंडी रातें और सर्द हवाएं जारी रहेंगी। बिलासपुर और सुंदरनगर जैसे इलाकों में सुबह के समय घना कोहरा भी दृश्यता को प्रभावित कर सकता है।
लगातार दूसरे साल नवंबर में सूखा
यह लगातार दूसरासाल है जब हिमाचल प्रदेश में नवंबर के महीने में सूखे जैसे हालात पैदा हुए हैं । पिछले साल इसी अवधि में सामान्य से 99 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई थी। इस वर्ष अब तक सामान्य से 90 से 91 प्रतिशत कम बारिश रिकॉर्ड की गई है । इस स्थिति ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, क्योंकि रबी की बुआई का कार्य प्रभावित हो रहा है।
सर्दियों के मौसम में होने वाली बारिश और बर्फबारी राज्य के जल स्रोतों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है। लगातार दो साल तक बारिश न होने से भूजल स्तर पर भी विपरीत असर पड़ सकता है। मौसम विभाग का अनुमान है कि दिसंबर महीने में ही किसी तरह की वर्षा होने की उम्मीद है । तब तक राज्य के निवासियों को इसी शुष्क और ठंडे मौसम के साथ रहना होगा।
