Himachal Pradesh News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दीपावली के अवसर पर प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की घोषणा की है। इससे प्रदेश के 1.91 लाख कर्मचारियों और 1.71 लाख पेंशनरों को लाभ मिलेगा। कर्मचारियों को न्यूनतम 800 रुपये प्रतिमाह से लेकर 8,000 रुपये प्रतिमाह तक का फायदा होगा।
यह घोषणा सीएम सुक्खू ने बुधवार को राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के राज्य महासम्मेलन में की। सरकारी कोष पर इस घोषणा से 450 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इसमें से 225 करोड़ रुपये बकाया एरियर के रूप में दिए जाएंगे।
डीए भुगतान की समयसीमा और प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कर्मचारियों और पेंशनरों को तीन प्रतिशत डीए का भुगतान अक्टूबर माह के वेतन के साथ नवंबर में किया जाएगा। यह भुगतान एक अप्रैल 2025 से प्रभावी माना जाएगा। बकाया राशि दीपावली से पहले ही बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी।
जुलाई 2023 से मार्च 2025 तक की बकाया राशि के लिए अलग से आदेश जारी किए जाएंगे। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में 15 मई 2025 से तीन प्रतिशत डीए देने की घोषणा की थी। प्रतिकूल वित्तीय हालात के बावजूद अब इसे दीपावली से देने का फैसला किया गया।
डीए की वर्तमान स्थिति और बकाया राशि
सरकार को अभी भी कर्मचारियों और पेंशनरों को 13 प्रतिशत डीए की और राशि देना बकाया है। जुलाई 2023 और जनवरी 2024 का चार-चार प्रतिशत डीए अभी तक लंबित है। जुलाई 2024 का तीन प्रतिशत और जनवरी 2025 का दो प्रतिशत डीए भी बकाया है।
जुलाई 2025 का तीन प्रतिशत डीए भी कर्मचारियों और पेंशनरों को प्राप्त होना है। इनमें से अब तीन प्रतिशत डीए के भुगतान के लिए आदेश जारी हो चुके हैं। प्रदेश के कर्मचारी और पेंशनर लंबे समय से डीए की इस राशि का इंतजार कर रहे थे।
कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने इस निर्णय का स्वागत किया है। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर ने भी सरकार के इस कदम की सराहना की। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि तीन प्रतिशत डीए मिलने से कर्मचारी-पेंशनर खुशी से त्योहार मना सकेंगे।
उन्होंने कहा कि यह घोषणा दीपावली के त्योहार पर कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है। सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों के मनोबल में वृद्धि होगी। उन्होंने शेष बकाया डीए की राशि भी शीघ्र दिए जाने की उम्मीद जताई।
सरकार पर वित्तीय बोझ और भविष्य की चुनौतियां
तीन प्रतिशत डीए के भुगतान से सरकारी कोष पर 450 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इसमें से 225 करोड़ रुपये बकाया एरियर के रूप में दिए जाएंगे। सरकार को अभी भी 13 प्रतिशत अतिरिक्त डीए देना बकाया है। यह राशि भविष्य में सरकार के लिए एक बड़ी वित्तीय चुनौती पेश करेगी।
मुख्यमंत्री ने पहले वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में डीए देने की घोषणा की थी। लेकिन प्रतिकूल वित्तीय परिस्थितियों के कारण अब इसे दीपावली से पहले देने का निर्णय लिया गया। इससे सरकार की वित्तीय योजनाओं में बदलाव आया है।
