शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

हिमाचल प्रदेश आपदा: देवस्थलों में छेड़छाड़ को किया जाए बंद, नहीं तो भुगतने होंगे गंभीर परिणाम

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Kullu News: कुल्लू के रघुनाथपुर में माता हिडिंबा के आदेश पर छोटी जगती का आयोजन किया गया। देवी-देवताओं ने अपना संदेश दिया कि देवस्थलों के साथ छेड़छाड़ बंद की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि ढालपुर मैदान में हो रहे काम को तुरंत रोका जाए। अन्यथा आने वाले समय में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

बिजली महादेव रोपवे पर जताई नाराजगी

देवताओं ने बिजली महादेव रोपवे परियोजना पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने रोपवे का काम तत्काल बंद करने का आदेश दिया है। मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। सरकार देवताओं के आदेश का पालन करने के लिए तैयार है।

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देवताओं के फैसले का महत्व

स्थानीय लोग किसी भी संकट के समाधान के लिए देवताओं की शरण लेते हैं। देवता का निर्णय अंतिम माना जाता है। इस बार प्राकृतिक आपदा के समाधान और रोपवे मामले पर छोटी जगती बुलाई गई थी। देवताओं ने स्पष्ट रूप से अपनी इच्छा व्यक्त की।

जगती क्या है और कैसे होती है?

जगती दो प्रकार की होती है – बड़ी और छोटी। बड़ी जगती नग्गर कैसल में आयोजित की जाती है। इसमें 18 करड़ू देवताओं का आह्वान किया जाता है। गोबर के लड्डू पानी में डाले जाते हैं। लड्डू के ऊपर आने को देवताओं की सहमति का संकेत माना जाता है।

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पहले भी रुक चुके हैं बड़े प्रोजेक्ट

देवताओं के विरोध के कारण पहले भी बड़ी परियोजनाएं रद्द हो चुकी हैं। स्की विलेज प्रोजेक्ट को देवताओं की मनाही के बाद रोक दिया गया था। यह 1800 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट था। देवताओं के निर्णय का स्थानीय समुदाय में बहुत अधिक महत्व है।

देवता की शरण में मांगते हैं समाधान

कुल्लू और आसपास के क्षेत्रों में लोग संकट आने पर देवताओं की शरण में जाते हैं। वे देवताओं से संकट के समाधान का रास्ता पूछते हैं। इस परंपरा का स्थानीय संस्कृति में गहरा महत्व है। देवताओं द्वारा दिया गया मार्गदर्शन अंतिम माना जाता है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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