Mandi News: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य सरकार पर आपदा राहत कोष के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को इतिहास में पहली बार भरपूर आर्थिक सहायता दी है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका कोई लाभ नहीं दिख रहा है।
जयराम ठाकुर ने बुधवार को सुंदरनगर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही। उन्होंने राज्य सरकार से निम्न स्तर की राजनीति छोड़ने का आग्रह किया। उन्होंने माना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा के समय हिमाचल का नेतृत्व किया और त्वरित सहायता भेजी।
ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री ने तत्काल 1500 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की। इसके अगले ही दिन एनडीआरएफ और एसडीआरफ कोष से 205 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जारी की गई। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत के लिए तुरंत 200 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए।
सवाल उठाए गंभीर सवाल
जयराम ठाकुर ने पूछा कि यह सारा पैसा कहां चला गया। 2023 की आपदा के बाद से हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। टूटी हुई सड़कें अभी भी वैसी की वैसी पड़ी हैं। मलबा अभी तक नहीं हटाया गया है। खतरनाक रास्ते और क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में आपदा राहत के नाम पर मिले 5500 करोड़ रुपये का हिसाब सरकार के पास नहीं है। सरकार यह नहीं बता पा रही है कि केंद्र से आया पैसा आपदा पीड़ितों तक पहुंचा कहां है। इससे प्रभावित लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
क्षेत्र-विशेषिक बजट पर जोर
जयराम ठाकुर ने क्षेत्र-विशेषिक बजट की अवधारणा पर जोर दिया। उनका कहना था कि केंद्र द्वारा भेजा गया धन उन्हीं परियोजनाओं और क्षेत्रों पर खर्च होना चाहिए जिन्हें नुकसान हुआ है। धर्मपुर में हाल ही में आई त्रासदी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में फंड का सीधा उपयोग प्रभावितों की मदद के लिए होना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आपदा राहत के लिए मिले धनराशि का उपयोग अन्य कार्यों में कर रही है। इस वजह से आपदा प्रभावित क्षेत्रों और पीड़ितों को उचित मदद नहीं मिल पा रही है। यह स्थिति चंबा और कुल्लू जैसे जिलों में भी देखने को मिल रही है।
