Mandi News: हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा क्षेत्र की सांसद कंगना रणौत ने गुरुवार को मनाली के आपदा प्रभात इलाकों का दौरा किया। उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उनका दर्द बांटा। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार केंद्र से मिलने वाली राहत राशि का दुरुपयोग कर रही है।
कंगना रणौत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार पेड़ों को काटकर लकड़ी बेच रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार केंद्र से मिल रही राहत राशि को अन्य जगहों पर डायवर्ट कर रही है। एनएचएआई ने आपदा के तुरंत बाद सड़कों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया था लेकिन राज्य सरकार अभी तक सड़कों को पूरी तरह से नहीं खोल पाई है।
सांसद ने कहा कि वह मुख्यमंत्री को इस मामले में एक पत्र लिखेंगी। उन्होंने बताया कि कई लोगों के घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं लेकिन उन्हें अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को पिछले तीन साल में दस हजार करोड़ रुपये से अधिक की सहायता दी है।
कंगना ने इस बात पर चिंता जताई कि यह राशि कहां खर्च हो रही है। उन्होंने प्रभावित लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस दौरान पूर्व मंत्री गोविंद ठाकुर भी उनके साथ मौजूद रहे। स्थानीय लोगों ने सांसद का स्वागत किया और अपनी समस्याओं से अवगत कराया।
आपदा प्रभावितों ने बताया कि उन्हें अभी तक राहत शिविरों में भी पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं। भोजन और पीने के पानी की व्यवस्था ठीक नहीं है। बच्चों और बुजुर्गों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सड़कें बंद होने से रोजमर्रा की जरूरत की चीजें भी नहीं मिल पा रही हैं।
राज्य सरकार ने अभी तक इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हिमाचल प्रदेश में हाल ही में आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन ने व्यापक तबाही मचाई है। कई लोगों की मौत हो गई है जबकि अनेक लोग अभी भी लापता हैं। राहत और बचाव कार्य धीमी गति से चल रहे हैं।
कंगना रणौत ने कहा कि वह केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करेंगी। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों तक तुरंत मदद पहुंचाना सबसे जरूरी है। उन्होंने राज्य सरकार से राहत कार्यों में तेजी लाने का आग्रह किया। स्थानीय लोगों ने सांसद के दौरे की सराहना की है।
इस आपदा ने हिमाचल प्रदेश के पर्यटन उद्योग को भी गंभीर रूप से प्रभावित किया है। मनाली और आसपास के इलाकों में पर्यटकों का आना लगभग बंद हो गया है। स्थानीय लोगों की आजीविका पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। होटल और व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने मुख्य सड़कों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है लेकिन ग्रामीण इलाकों की सड़कें अभी भी बंद हैं। दूरदराज के गांवों तक पहुंचना मुश्किल है। हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाने का काम चल रहा है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
कंगना रणौत ने कहा कि वह लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रभावित लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास करेंगी। उन्होंने राज्य सरकार से पारदर्शिता बरतने और राहत राशि का सही उपयोग सुनिश्चित करने का आग्रह किया। इस मामले में जल्द ही और विकास की उम्मीद है।
