Mandi News: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज क्षेत्र में भारी बारिश के कारण बंद पड़ी सड़कों ने एक गर्भवती महिला की जान को खतरे में डाल दिया। प्रसव पीड़ा शुरू होने पर परिवार को उसे अस्पताल पहुंचाने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। अंततः एक JCB लोडर ने कार को आगे-आगे चलकर करीब 107 किलोमीटर का खतरनाक सफर तय करवाया और महिला को शिमला के IGMC अस्पताल सुरक्षित पहुंचाया गया।
सड़क बंद होने से शुरू हुआ संकट
रविवार की रात को सराज की बरयोगी पंचायत के गांव जनेहड़ में कृष्ण कुमार की पत्नी दिव्या कुमारी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। डॉक्टर ने उनकी डिलीवरी की तारीख छह सितंबर बताई थी, लेकिन समय से पहले ही प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। आसपास की लगभग 77 सड़कें बारिश के कारण बंद थीं, जिससे परिवार घबरा गया।
JCB बनी जीवन रेखा
परिवार ने महिला को पहले आठ किलोमीटर दूर हाउण खड्ड तक पहुंचाया। वहां से आगे का रास्ता भी बंद था। गांव के एक युवक मोहर सिंह ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारी से संपर्क किया। विभाग ने तुरंत एक बैकहो लोडर (JCB) मुहैया कराया। JCB मशीन आगे-आगे चलकर मलबा साफ करती रही और कार को रास्ता दिखाती रही।
रास्ते में गिरे पेड़ ने बढ़ाई मुश्किल
लगभग आठ किलोमीटर का सफर तय करने के बाद वे करसोग के केलोधार पहुंचे। यहां सड़क पर एक बड़ा पेड़ गिरा हुआ था और मदद के लिए कोई नहीं था। परिवार के सदस्यों ने खुद गांव से कुल्हाड़ी लाकर पेड़ काटा और रास्ता साफ किया। इसके बाद ही वे दिव्या को नागरिक अस्पताल करसोग पहुंचाने में सफल हुए।
107 किलोमीटर का सफर तय कर शिमला पहुंचे
करसोग अस्पताल से डॉक्टरों ने दिव्या को नेरचौक रेफर कर दिया। लेकिन वहां जाने का रास्ता भी जाच्छ में बंद मिला। इसके बाद परिवार ने तुरंत शिमला जाने का फैसला किया। JCB की मदद से कार को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने करीब 107 किलोमीटर का सफर तय किया और दिव्या को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) शिमला पहुंचाया। यहां उनका उपचार शुरू हो गया है।
