शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: जमाबंदी प्रक्रिया में डिजिटल क्रांति, अब पटवारी के डिजिटल हस्ताक्षर और क्यूआर कोड के साथ मिलेगा दस्तावेज

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने राजस्व विभाग की जमाबंदी प्रक्रिया में ऐतिहासिक बदलाव किया है। अब नागरिकों को पटवारी के डिजिटल हस्ताक्षर और क्यूआर कोड वाली जमाबंदी घर बैठे ही ऑनलाइन मिलेगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत द्वारा जारी अधिसूचना के बाद यह व्यवस्था लागू हो गई है। इससे लोगों को पटवार सर्कल के चक्कर लगाने की जरूरत अब समाप्त हो गई है।

यह कदम राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता और दक्षता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। नई व्यवस्था में दस्तावेजों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए क्यूआर कोड को शामिल किया गया है। कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल फ़ोन से इस क्यूआर कोड को स्कैन करके यह पुष्टि कर सकता है कि दस्तावेज वास्तविक है या नकली।

डिजिटल हस्ताक्षर ने इस पूरी प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित एवं विश्वसनीय बना दिया है। पहले ऑनलाइन जमाबंदी उपलब्ध थी, लेकिन पटवारी के भौतिक हस्ताक्षर के लिए लोगों को कार्यालय जाना पड़ता था। अब यह झंझट पूरी तरह से खत्म हो गया है। इससे नागरिकों का कीमती समय और पैसा दोनों बचेगा।

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प्रदेश सरकार ने इस संबंध में सभी राजस्व अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। सरकार की सतर्कता का ही नतीजा है कि वर्षों से लंबित पड़े इंतकाल आदि के मामलों का तेजी से निपटारा हो रहा है। इसके लिए नियमित रूप से राजस्व अदालतों का आयोजन भी किया जा रहा है।

नई व्यवस्था को लागू करने से पहले एक सप्ताह का समय देकर आम जनता और हितधारकों से आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए गए थे। इस पारदर्शी तरीके ने नीति निर्माण में जनभागीदारी सुनिश्चित की। यह प्रक्रिया सरकार की जन-केंद्रित सोच को दर्शाती है।

हिमाचल में न्यायिक व्यवस्था को मिला बढ़ावा

एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में हिमाचल प्रदेश में न्यायिक ढांचे को मजबूत किया गया है। प्रदेश में चार नए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालयों की स्थापना की गई है। इन न्यायालयों के लिए साठ पदों को अधिसूचित भी किया गया है।

इन नए न्यायालयों के गठन का मुख्य उद्देश्य हाई कोर्ट स्तर के लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा करना है। इससे न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है। यह कदम न्याय तक आम लोगों की पहुंच आसान बनाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।

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इससे पूरे न्याय तंत्र पर पड़ने वाले दबाव में कमी आएगी। मामलों के शीघ्र निपटान से न्याय प्राप्त करने की लागत और समय दोनों में कमी आएगी। यह व्यवस्था आम नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी।

हिमाचल प्रदेश सरकार का यह प्रयास शासन में आधुनिक तकनीक के एकीकरण को दर्शाता है। डिजिटल हस्ताक्षर और क्यूआर कोड जैसी तकनीकों का उपयोग नागरिक-सेवाओं को और सरल बना रहा है। यह देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल कायम करता है।

इन सुधारों से प्रशासनिक और न्यायिक दोनों क्षेत्रों में कार्यक्षमता बढ़ने की उम्मीद है। हिमाचल प्रदेश लगातार बेहतर शासन और जन-कल्याण के नए मानदंड स्थापित कर रहा है। यह राज्य के विकास की नई गाथा लिखने जैसा है।

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