Himachal News: धर्मशाला के तपोवन में 26 नवंबर से शुरू हो रहा विधानसभा का शीत सत्र प्राकृतिक आपदा और विकास के मुद्दों पर केंद्रित रहेगा। बुधवार तक राज्य विधानसभा सचिवालय को तीन सौ से अधिक प्रश्न प्राप्त हो चुके हैं। ये प्रश्न सरकारी विभागों को उत्तर देने के लिए भेजे जाएंगे। सत्र का समापन पांच दिसंबर को होगा।
इस सत्र में विपक्षी भाजपा आक्रामक रुख अपनाएगी जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस भी मुद्दों पर मजबूत पैरवी करेगी। विधानसभा सचिवालय ने सत्र की तैयारियां तेज कर दी हैं। आने वाले दिनों में प्रश्नों की संख्या और बढ़ने की संभावना है।
विधायकों द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दे
विधायकों द्वारा भेजे गए प्रश्नों में प्राकृतिक आपदा प्रबंधन प्रमुखता से शामिल है। सड़कों की मरम्मत और पेयजल आपूर्ति से संबंधित सवाल भी बड़ी संख्या में हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और कर्मचारियों की मांगों से जुड़े विषयों पर भी चर्चा होगी।
राज्य विधानसभा सचिवालय ने विभिन्न विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। सवालों के जवाब समय पर तैयार करने को कहा गया है। इससे सत्र के दौरान मंत्री सटीक जानकारी सदन में प्रस्तुत कर सकेंगे। विधायक 19 दिसंबर तक और प्रश्न भेज सकते हैं।
राजनीतिक रणनीति और सत्र का महत्व
यह आठ बैठकों वाला अब तक का सबसे लंबा शीत सत्र होगा। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों आक्रामक रुख अपनाएंगे। कांग्रेस सरकार अपने तीन वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियों को प्रस्तुत करेगी। भाजपा सरकार को हर मोर्चे पर घेरने का प्रयास करेगी।
बरसात में हुई भारी तबाही इस सत्र का प्रमुख मुद्दा बनेगी। राहत राशि के वितरण और सड़क मरम्मत कार्यों पर विपक्ष सवाल उठाएगा। पेयजल योजनाओं की धीमी गति पर भी चर्चा होगी। सत्र राज्य की राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकता है।
प्राकृतिक आपदा पर केंद्रित होगी चर्चा
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू सत्र के दौरान आपदा राहत कार्यों पर वक्तव्य देंगे। इस वर्ष बरसात के दौरान राज्य के कई जिलों में भारी क्षति हुई। सैकड़ों सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
विधायक प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण पर सवाल उठाएंगे। राहत पैकेज के वितरण में पारदर्शिता की मांग की जाएगी। आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत करने के उपायों पर विचार होगा। सरकार आपदा राहत कार्यों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करेगी।
सत्र का विशेष राजनीतिक संदर्भ
यह सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस सरकार 11 दिसंबर को अपने तीन वर्ष पूरे कर रही है। सरकार अपनी उपलब्धियों को विस्तार से प्रस्तुत करेगी। विपक्ष सरकार के कामकाज पर सवाल उठाएगा। दोनों पक्षों के बीच जोरदार बहस की उम्मीद है।
तपोवन स्थित विधानसभा परिसर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है। प्रशासन ने सत्र की सफलता के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी की गई हैं। मीडिया और आगंतुकों के लिए भी पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं।
