Shimla News: उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा में कहा कि जिला उपायुक्त यह सुनिश्चित करेंगे कि विभिन्न सेस लगने से प्रदेश में रेत और बजरी की कीमतें न बढ़ें। भाजपा विधायकों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार जनता पर अतिरिक्त बोझ नहीं डालेगी और सेस से मिले धन का इस्तेमाल केवल जनकल्याण के लिए होगा।
विधायकों ने उठाए सेस पर सवाल
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर और रणधीर शर्मा ने सरकार पर नए सेस लगाने का हमला बोला। विधायक बिक्रम ठाकुर ने पूछा कि कोविड सेस समेत कुल दस सेस की उपयोगिता स्पष्ट नहीं है। उन्होंने चंबा जिले में खराब एंबुलेंस सेवा का उदाहरण देते हुए पूछा कि फंड के बावजूद लोगों को निजी एंबुलेंस क्यों लेनी पड़ रही है।
सरकार को सेस से हुई इतनी आमदनी
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि पंचायती राज संस्था सेस से 153 करोड़ रुपये मिले। मोटर वाहन सेस से 185 करोड़ रुपये की आय हुई। गोवंश विकास निधि से 65.35 करोड़ और एंबुलेंस सेवा फंड से 16.97 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। कोविड सेस से सरकार को 145 करोड़ रुपये की आमदनी हुई।
एंबुलेंस खरीदने में हुआ पैसा खर्च
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एंबुलेंस सेवा फंड के पैसे से प्रदेश के विभिन्न जिलों में 50 नई एंबुलेंस खरीदी गई हैं। मंडी और शिमला में 10-10, कांगड़ा में 9, सिरमौर में 5 और सोलन में 4 एंबुलेंस मिली हैं। हालांकि, चंबा जिले में एक भी एंबुलेंस नहीं खरीदी गई है।
पूर्व सरकार पर भी हुई टिप्पणी
उपमुख्यमंत्री ने जवाब में यह भी कहा कि लागू किए गए दस सेस में से पांच तो पिछली भाजपा सरकार ने लगाए थे। उन्होंने दावा किया कि सेस का ज्यादातर बोझ बड़े उद्योगपतियों और शराब कारोबारियों पर है। शराब पर लगे सेस से उसकी कीमत बढ़ी है, लेकिन इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
विधायक और मंत्री के बीच हुआ वाद-विवाद
इस दौरान उपमुख्यमंत्री और विधायक बिक्रम ठाकुर के बीच काफी तीखी बहस हुई। अग्निहोत्री ने कहा कि आज विधायक का जन्मदिन है इसलिए वह उलझना नहीं चाहते। जवाब में ठाकुर ने कहा कि उनका साथ पुराना है और उलझने की जरूरत नहीं है। बाद में फिर सवाल शुरू होने पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक बार-बार उलझने की स्थिति बना रहे हैं।
