Himachal News: अखिल भारतीय सर्वदलीय गोरक्षा महाभियान समिति ने गौ माता को विशेष दर्जा देने की मांग की है। समिति ने प्रदेश और केंद्र सरकार से गौ माता को राज्य माता और राष्ट्र माता घोषित करने का अनुरोध किया। समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील ठाकुर ने शिमला में पत्रकारों से बातचीत की।
उन्होंने बताया कि जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती देशभर में जनजागरण अभियान चला रहे हैं। इसी क्रम में विभिन्न राज्यों की राजधानियों में गौ ध्वज स्थापित किए जा रहे हैं। पिछले वर्ष अप्रैल में शिमला के जाखू में भी गौ ध्वज स्थापित किया गया था।
राज्यपाल को भेजा ज्ञापन
सुनील ठाकुर ने बताया कि समिति ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को ज्ञापन भेजा है। राज्यपाल के शिमला से बाहर रहने के कारण ज्ञापन ईमेल के माध्यम से भेजा गया। ज्ञापन में गौ माता को पशु सूची से हटाने की मांग की गई।
समिति ने गौ माता को राष्ट्रीय माता का संवैधानिक दर्जा देने का अनुरोध किया। समिति का मानना है कि गौ माता केवल पशु नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति की आधारशिला हैं। वेदों में गौ माता को अघ्न्या कहा गया है।
धार्मिक और आर्थिक महत्व
समिति ने गौ माता के धार्मिक और आर्थिक महत्व को रेखांकित किया। गो आधारित जैविक खाद और गोबर गैस का उल्लेख किया गया। पंचगव्य चिकित्सा और प्राकृतिक कृषि में गाय की भूमिका महत्वपूर्ण बताई।
सुनील ठाकुर ने हिमाचल की पहाड़ी नस्ल की गाय को वेदलक्षणा बताया। उन्होंने सरकार से इस नस्ल को प्रोत्साहन देने की मांग की। गौ माता के बहुआयामी लाभों पर विस्तार से चर्चा की।
रामा गौधाम की स्थापना
जगद्गुरु अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने देश की प्रत्येक विधानसभा में रामा गौधाम स्थापित करने का संकल्प लिया है। इन केंद्रों में 108 गौशालाएं संचालित की जाएंगी। यह जानकारी सुनील ठाकुर ने पत्रकारों को दी।
समिति उन चुनावी प्रत्याशियों को समर्थन देगी जो गौ रक्षा को प्राथमिकता देंगे। आगामी विधानसभा चुनावों में संगठन अपने प्रत्याशी भी उतारेगा। समिति का मानना है कि कोई राजनीतिक दल गाय की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।
अन्य राज्यों के उदाहरण
सुनील ठाकुर ने बताया कि कई राज्यों ने गौ माता को राज्य माता घोषित किया है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश से भी यह कदम उठाने का आग्रह किया। केंद्र सरकार से गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा देने की मांग की।
समिति ने गौ संरक्षण के लिए सशक्त कानून बनाने की वकालत की। देशभर में गौशालाओं को स्थायी आश्रय मिलना चाहिए। गोवंश की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। यह मांगें समिति की ओर से लगातार उठाई जा रही हैं।
