Shimla News: सत्र न्यायालय ने एक दुष्कर्म मामले में उपमंडल रोहड़ू निवासी विजय पाल को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय ने सबूतों के अभाव में यह फैसला सुनाया। मामला 29 मई 2024 को चिड़गांव थाना क्षेत्र का था।
मामले की पृष्ठभूमि
आरोप था कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर पीड़ित महिला के साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। पीड़ित को धमकी देने के भी आरोप लगे थे। पुलिस ने आईपीसी की धारा 376, 342 और 506 के तहत मामला दर्ज किया था। मामले की तुरंत जांच शुरू की गई।
अदालत का फैसला
अभियोजन पक्ष ने मामले को साबित करने के लिए 16 गवाह पेश किए। लेकिन अदालत ने ठोस सबूतों के अभाव में आरोपी को दोषमुक्त कर दिया। न्यायालय ने कहा कि आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। इसके बाद आरोपी को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया।
पुलिस जांच और गवाह
पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच की थी। सभी गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे। लेकिन अदालत को लगा कि आरोप साबित करने के लिए जरूरी सबूत नहीं हैं। इसलिए आरोपी को बरी करने का फैसला सुनाया गया। यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है।
