Himachal News: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हिमाचल प्रदेश में एक बड़े भ्रष्टाचार मामले में असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। आरोप है कि सरीन ने अपने पद का दुरुपयोग कर दवा कंपनियों से रिश्वत लेकर करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति जमा की। यह मामला राज्य की सतर्कता एवं भ्रष्टाचार-निरोधक ब्यूरो की शिकायत पर शुरू हुआ था।
सतर्कता ब्यूरो ने निशांत सरीन और उनकी सहयोगी कोमल खन्ना के खिलाफ पहले ही एक मामला दर्ज किया था। इसमें भ्रष्टाचार, जालसाजी और साजिश के गंभीर आरोप शामिल हैं। जांच में पता चला कि सरीन ने ड्रग इंस्पेक्टर से लेकर असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर के पद तक अपने कार्यकाल का फायदा उठाया। उन पर आरोप है कि उन्होंने फार्मास्युटिकल कंपनियों को लाइसेंस जारी करने और निरीक्षण में छूट देने के बदले बड़ी रकम वसूली।
जेनिया फार्मा में फर्जीवाड़े का आरोप
जांच एजेंसी को एक और बड़ा खुलासा हुआ है। निशांत सरीन पर पंचकूला स्थित जेनिया फार्मास्युटिकल्स की पार्टनरशिप डीड में गड़बड़ी का आरोप है। आरोप है कि सरीन ने कोमल खन्ना की कंपनी में हिस्सेदारी को जबरन 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 95 प्रतिशत कर दिया। इस पूरे फर्जीवाड़े में निशांत सरीन की अहम भूमिका बताई जा रही है। इस मामले ने भ्रष्टाचार के नए नेटवर्क का पर्दाफाश किया है।
अवैध संपत्ति जमा करने के आरोप
शिमला की सतर्कता इकाई ने 23 सितंबर 2025 को एक और प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके मुताबिक, निशांत सरीन ने अपनी वैध आय से कहीं अधिक की संपत्ति बनाई है। आरोप है कि उन्होंने लगभग 1.66 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जमा की। ईडी की जांच में यह बात सामने आई कि यह संपत्ति उन्होंने 1 अप्रैल 2002 से 21 अगस्त 2019 के बीच अर्जित की। इस पूरी अवधि में उनकी कुल आय इस रकम से काफी कम थी।
तलाशी में बरामद हुईं लाखों की संपत्ति
प्रवर्तन निदेशालय ने जून-जुलाई 2025 के दौरान कई स्थानों पर छापेमारी की थी। इन तलाशी अभियानों में भारी मात्रा में अवैध संपत्ति बरामद हुई। ईडी ने दो लक्जरी वाहन जब्त किए, जिनकी कीमत लगभग 32 लाख रुपये बताई जा रही है। इसके अलावा 65 लाख रुपये मूल्य के गहने और ज्वेलरी भी मिली। एजेंसी को 2.23 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक जमा राशि और फिक्स्ड डिपॉजिट रसीदें भी प्राप्त हुईं।
सतर्कता ब्यूरो से शुरू हुई थी जांच
यह पूरा मामला तब सामने आया जब राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार-निरोधक ब्यूरो ने कार्रवाई की। सतर्कता विभाग ने निशांत सरीन और कोमल खन्ना के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बाद में यह मामला गंभीर धन शोधन के दायरे में आया। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने जांच का काम संभाला। ईडी ने पीएमएलए कानून के तहत सख्त कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
लंबे समय से चल रही थी अवैध गतिविधियां
जांच एजेंसियों का मानना है कि निशांत सरीन लंबे समय से अवैध गतिविधियों में शामिल थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का सिस्टमेटिक दुरुपयोग किया। उन्होंने दवा कंपनियों से रिश्वत लेकर एक बड़ा आर्थिक घोटाला किया। यह मामला सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार की गंभीरता को दर्शाता है। अब न्यायिक प्रक्रिया के तहत इस मामले की और गहन जांच की जा रही है।
