Himachal News: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में संगठनात्मक पुनर्निर्माण का काम तेज हो गया है। पार्टी के हाईकमान द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इन रिपोर्ट्स पर मंगलवार को दिल्ली में हुई महत्वपूर्ण बैठक में चर्चा हुई। इस बैठक में जिला कमेटियों के अध्यक्ष पद के दावेदारों के नामों पर अंतिम फैसला लिया गया।
इस बैठक में पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल और प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार शामिल हुए। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट में विभिन्न जिलों से अध्यक्ष पद के लिए आए आवेदनों का विस्तृत आकलन शामिल है। इसमें उम्मीदवारों के पार्टी से जुड़ाव, पूर्व अनुभव और संगठनात्मक योगदान को देखा गया।
सूत्रों के मुताबिक इस बार जिला अध्यक्ष पदों पर नए चेहरे देखने को मिल सकते हैं। पार्टी युवा नेताओं को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने पर विचार कर रही है। यह प्रक्रिया कांग्रेस हाईकमान द्वारा दस से अधिक राज्यों में पहले ही सफलतापूर्वक अपनाई जा चुकी है।
पहली बार अपनाया जा रहा है यह मॉडल
हिमाचल प्रदेश मेंपहली बार पर्यवेक्षकों के जरिए जिला अध्यक्ष चुनने का यह मॉडल अपनाया जा रहा है। इससे पहले नवंबर 2024 में प्रदेश, जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों को भंग किया गया था। तब से अब तक किसी भी समिति का गठन नहीं हुआ था।
पार्टी के भीतर माना जा रहा है कि इस अभियान से जिला अध्यक्षों को मजबूत राजनीतिक अधिकार मिलेंगे। यह संगठन सृजन अभियान का पहला चरण है। पहले चरण में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति पूरी होगी।
दूसरे चरण में ब्लॉक अध्यक्षों का गठन
जिलास्तर पर अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद दूसरे चरण में ब्लॉक स्तर पर इसी प्रक्रिया को दोहराया जाएगा। ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों का चयन भी एक व्यवस्थित प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। इसके बाद हाईकमान द्वारा नए अध्यक्षों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण में पार्टी की विचारधारा, कार्यक्रम आयोजन के तरीके और जमीनी स्तर पर संगठन मजबूत करने के गुर सिखाए जाएंगे। इसका उद्देश्य संगठन को एक नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करना है। कई वर्षों से समितियों में एक ही चेहरे बने रहने की प्रवृत्ति को तोड़ना भी एक लक्ष्य है।
पर्यवेक्षकों ने किया था गहन अध्ययन
संगठन सृजन अभियान केलिए केंद्र द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों ने गहन अध्ययन किया था। इन पर्यवेक्षकों में विकार शक्ति सिंह गोहिल, रसूल वाणी, राजेश ठाकुर और कुलदीप इंदौरा जैसे वरिष्ठ नेता शामिल थे। उन्होंने हर जिले का दौरा कर स्थानीय स्थिति का जायजा लिया।
उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि, सामाजिक पहुंच और पार्टी के प्रति समर्पण का मूल्यांकन किया गया। इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य पारदर्शिता और योग्यता के आधार पर चयन सुनिश्चित करना था। इससे पार्टी में नेतृत्व के नए स्तर भी विकसित होंगे।
प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार ने बैठक से पहले सोमवार को दिल्ली में एआईसीसी महासचिव कुमारी शैलजा से भी मुलाकात की थी। इस मुलाकात में प्रदेश के राजनीतिक हालात और संगठन मजबूती पर चर्चा हुई। आगामी चुनावी रणनीति पर भी विचार-विमर्श किया गया।
