Shimla News: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने केंद्र सरकार पर राजनीतिक द्वेष के चलते आपदा राहत कार्यों में अड़ंगा लगाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1500 करोड़ रुपये की सहायता राशि अभी तक राज्य को नहीं मिली है। सिंह ने इस स्थिति को चिंताजनक बताया और केंद्र से तत्काल विशेष राहत पैकेज जारी करने की मांग की।
प्रतिभा सिंह ने एक प्रेस बयान जारी कर यह आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा के नेता जानबूझकर पुनर्निर्माण कार्यों में बाधा डाल रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह सीमित संसाधनों के बावजूद राहत कार्यों में जुटी हुई है। राज्य सरकार दिन-रात एकजुटता के साथ काम कर रही है।
वित्तीय सहायता न मिलने पर चिंता
प्रतिभा सिंह ने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के साथ स्पष्ट भेदभाव कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य को केंद्र से कोई विशेष वित्तीय मदद नहीं मिल रही है। बावजूद इसके, प्रदेश सरकार अपने उत्तरदायित्व का निर्वाह करने में लगी हुई है। यह स्थिति राज्य के पुनर्निर्माण कार्यों की गति को प्रभावित कर सकती है।
उन्होंने भाजपा नेताओं पर हर रोज अनाप-शनाप बयानबाजी करने का भी आरोप लगाया। सिंह के मुताबिक, विपक्षी दल प्रदेश की जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास कर रहा है। इससे आपदा प्रबंधन के काम में बाधा उत्पन्न हो रही है। राज्य सरकार के प्रयासों को कमजोर करने का यह एक सोची-समझी रणनीति है।
पहाड़ी राज्यों के लिए विशेष नीति की मांग
कांग्रेस नेता ने हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों के लिए विशेष नीति बनाने की अपील की। उन्होंने समझाया कि पहाड़ी इलाकों में निर्माण कार्य की लागत मैदानी क्षेत्रों से कहीं अधिक होती है। इसलिए केंद्र सरकार को इस विषय पर एक अलग दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। यह कदम क्षेत्र के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
प्रतिभा सिंह ने जीएसटी दरों में कमी से होने वाले राजस्व घाटे की चर्चा भी की। उन्होंने इस नुकसान की भरपाई के लिए विशेष राहत देने का आग्रह किया। उनका मानना है कि इससे राज्य सरकार को आपदा प्रबंधन में काफी मदद मिलेगी। राज्य के विकास कार्यों को गति मिल सकेगी।
सांसदों से दलगत राजनीति से ऊपर उठने की अपील
प्रतिभा सिंह ने एक बार फिर प्रदेश के सभी भाजपा सांसदों से अपील की है। उन्होंने कहा कि सांसदों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए। उन्हें प्रदेश के विकास और पुनर्निर्माण के लिए केंद्र से विशेष आर्थिक सहायता दिलवाने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। इसके लिए पूरा प्रदेश उनका आभारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि यह समय राजनीतिक द्वेष भुलाकर एकजुट होने का है। प्रदेश के सांसदों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास करना चाहिए। उन्हें केंद्रीय नेताओं से बात करके हिमाचल के हित में काम करना चाहिए। यही जनप्रतिनिधि होने का असली धर्म है।
हिमाचल प्रदेश में हाल ही में आई भीषण आपदा ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था। बाढ़ और भूस्खलन से हुई भारी क्षति के बाद पुनर्निर्माण एक बड़ी चुनौती है। राज्य सरकार ने इस काम में जुट गई है, लेकिन केंद्रीय सहायता के बिना यह कार्य पूरा करना मुश्किल होगा।
