Himachal News: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी में नए अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया तेज हो गई है। पार्टी के छह वरिष्ठ नेताओं ने शुक्रवार को दिल्ली में पार्टी आलाकमान के साथ महत्वपूर्ण चर्चा की। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पुष्टि की कि नया प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी संगठन का विस्तार अगले दस दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। यह फैसला पार्टी के भीतर लंबे इंतजार के बाद आ रहा है।
राज्य की कांग्रेस इकाई पिछले साल नवंबर से एक तरह से निष्क्रिय चल रही थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संगठनात्मक बदलाव के तहत राज्य, जिला और ब्लॉक इकाइयों को भंग कर दिया था। इसके बाद से ही पार्टी कार्यकर्ता पुनर्गठन को लेकर चिंतित थे। संभावित पंचायत चुनावों को देखते हुए यह बदलाव और भी जरूरी हो गया है।
दिल्ली में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के छह प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया। इस समूह में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और उपाध्यक्ष विनय कुमार जैसे वरिष्ठ चेहरे शामिल थे। साथ ही ठियोग के कुलदीप राठौर और पालमपुर के आशीष बुटेल जैसे विधायकों ने भी चर्चा में हिस्सा लिया। कसौली के विनोद सुल्तानपुरी और भोरंज के सुरेश कुमार ने भी इस बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
राहुल गांधी के निर्देश पर हो रही है चर्चा
पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह बैठक राहुल गांधी के कहने पर बुलाई गई थी। चर्चा का तरीका भी रुचिकर रहा। सबसे पहले सभी नेताओं के साथ एक संयुक्त बैठक हुई। इसके बाद अंतिम निर्णय लेने से पहले आमने-सामने की व्यक्तिगत चर्चाएं भी हुईं। इस पूरी प्रक्रिया से साफ जाहिर है कि पार्टी इस नियुक्ति को लेकर गंभीर है।
प्रतिभा सिंह को पहले प्रदेश अध्यक्ष के पद पर बनाए रखा गया था। लेकिन उनका कार्यकाल इसी साल अप्रैल में समाप्त हो गया। इसके बाद से ही राज्य इकाई कई महीनों तक एक तरह से अधर में लटकी रही। इस अनिश्चितता ने पार्टी के संगठनात्मक कामकाज को प्रभावित किया है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने दिया था समयसीमा का आश्वासन
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट किया था। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन का विस्तार पांच से दस दिनों के भीतर पूरा होगा। नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा भी इसी समयसीमा के भीतर की जाएगी। यह बयान पार्टी में चल रही उथल-पुथल को खत्म करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
पार्टी के भीतर यह माना जा रहा है कि यह निर्णय पंचायत चुनावों से पहले पार्टी में एकजुटता लाने के लिए जरूरी था। मानसून में आई आपदा के बाद जैसे ही सड़क संपर्क बहाल होंगे, चुनावी प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। ऐसे में पार्टी का एक मजबूत और सक्रिय संगठन होना बेहद जरूरी है।
इस नियुक्ति से न सिर्फ पार्टी के भीतर का माहौल स्पष्ट होगा, बल्कि आने वाले चुनावों में भी इसका सीधा असर दिखेगा। एक सक्रिय और पुनर्गठित राज्य इकाई पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूती प्रदान करेगी। सभी की नजरें अब अगले दस दिनों में होने वाली औपचारिक घोषणा पर टिकी हैं।
