शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में ट्रक यूनियन और उद्योगों का टकराव फिर तेज, पुलिस ने दर्ज किया मामला

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में ट्रक यूनियन और उद्योग प्रबंधन के बीच विवाद एक बार फिर उभरा है। सागर इस्पात उद्योग प्रबंधन की शिकायत पर पुलिस ने जबरन वाहन रोकने, स्नेचिंग और चालकों को बंधक बनाने का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने दोनों अपहृत ट्रक बरामद कर कंपनी को लौटा दिए हैं और आरोपियों की तलाश जारी है।

सागर इस्पात उद्योग के मालिक सुरेंद्र वाधवा के मुताबिक, सोमवार रात करीब नौ बजे उनकी कंपनी के दो माल लदे ट्रक बद्दी चौकी के पास पहुंचे थे। तभी पांच से छह लोगों के एक समूह ने उन्हें रोक लिया। इन लोगों ने खुद को नालागढ़ ट्रक यूनियन का सदस्य बताया। उन्होंने दोनों गाड़ियों पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया और चालकों को अपने साथ ले गए। चालकों को कुछ समय के लिए बंधक बनाकर रखा गया था।

वाधवा ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब ऐसी घटना हुई है। उन्होंने कहा कि इस ट्रक यूनियन के सदस्य पहले भी कई बार माल ढुलाई वाहनों को रोक चुके हैं। पिछली घटनाओं में पिटाई और तोड़फोड़ जैसी हिंसा भी शामिल रही है। इन सभी मामलों की शिकायत बद्दी और नालागढ़ थानों में दर्ज है। हालांकि, अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

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पुलिस ने दर्ज किया मामला

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक वर्माने पुष्टि की कि शिकायत मिलने के बाद बद्दी थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इन धाराओं में धारा 126(2), 115(2), 304(2), 127(2), 140(3), और 3(5) शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि वह आरोपियों की पहचान करने में जुटी हुई है।

यह घटना औद्योगिक क्षेत्र में चल रहे तनाव को एक बार फिर उजागर करती है। उद्योग और परिवहन क्षेत्र के बीच समन्वय की कमी साफ दिखाई दे रही है। स्थानीय व्यवसायी लगातार ऐसी घटनाओं से परेशान हैं। उनका कहना है कि इससे उनके कारोबार पर बुरा असर पड़ रहा है।

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पहले के मामले भी दर्ज

पुलिस रिकॉर्ड दर्शाताहै कि इससे पहले भी दोनों पक्षों के बीच झड़पों की शिकायतें दर्ज हुई हैं। इन मामलों में हिंसा और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप शामिल हैं। फिर भी, अब तक स्थिति पर लंबे समय तक काबू नहीं पाया जा सका है। यह नई घटना इस जटिल समस्या का एक ताजा उदाहरण बन गई है।

स्थानीय अधिकारी इस मामले में हस्तक्षेप कर सकते हैं। दोनों पक्षों के बीच बातचीत का रास्ता तलाशना जरूरी है। औद्योगिक गतिविधियों और ट्रक यूनियन की मांगों के बीच संतुलन बनाना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। इस विवाद का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।

इस पूरे मामले ने औद्योगिक इलाकों में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। व्यवसायियंस का मानना है कि बिना सुरक्षा के उद्योग चलाना मुश्किल हो गया है। वे प्रशासन से त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अगले कुछ दिन इस मामले में और विकास की संभावना है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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