Himachal News: हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस सरकार और चुनाव आयोग के बीच तनाव बढ़ गया है। चुनाव आयोग ने सोमवार को आचार संहिता की धारा 2.1 लागू कर दी है। इसके बाद पंचायतों के पुनर्गठन और नगर परिषदों में नए वार्ड बनाने पर रोक लग गई है। इस फैसले ने सुक्खू सरकार की योजनाओं को झटका दिया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पालमपुर में पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश आपदा से प्रभावित है। ऐसे में मतदाताओं के अधिकार छीनना समझदारी नहीं है। उनका पहला लक्ष्य पंचायतों की क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक करना है। इसके बाद ही चुनाव करवाए जाएंगे।
सरकार की तैयारियां बाधित
चुनाव आयोग केफैसले ने सरकार की योजनाओं को रोक दिया है। सरकार पंचायतों के पुनर्सीमांकन और पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू करना चाहती थी। कैबिनेट ने इस संबंध में पहले ही फैसला ले लिया था। अब आचार संहिता लागू होने से यह काम रुक गया है। चुनाव आयोग का मानना है कि चुनाव प्रक्रिया शुरू होने में केवल 75 दिन शेष हैं।
मुख्यमंत्री ने दिया जवाब
मुख्यमंत्रीसुक्खू ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा घोषित तिथियों पर कानूनी राय ली जा रही है। अध्ययन के बाद कानूनी सलाह पर जो भी रास्ता निकलेगा, सरकार उस पर काम करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि आपदा राहत कार्यों को प्राथमिकता देना जरूरी है। पहले पंचायतों की बुनियादी सुविधाओं को ठीक किया जाएगा।
शीतकालीन सत्र का निर्णय
मुख्यमंत्रीने धर्मशाला में होने वाले शीतकालीन सत्र के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया। यह पहली बार होगा जब धर्मशाला में इतना लंबा सत्र आयोजित होगा। इस निर्णय का उद्देश्य स्थानीय व्यवसाय को बढ़ावा देना है। पहले सत्र के दौरान पर्यटन सीजन चरम पर होता था।
होटल व्यवसाय को लाभ
सुक्खूने बताया कि नए सत्र की तिथियां नवंबर के अंत में रखी गई हैं। इससे होटल व्यवसायियों को लाभ मिलेगा। पहले उन्हें बुकिंग रद्द करवानी पड़ती थी। अब पर्यटन कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। होटलों की ऑक्यूपेंसी बढ़ेगी। तेरह दिनों तक लोगों के ठहरने से कांगड़ा जिले को आर्थिक लाभ होगा।
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि अब सरकार पंचायतों का पुनर्गठन और निकायों की वार्डबंदी नहीं कर सकती। आयोग के नियमों के अनुसार किसी भी चुनावी प्रक्रिया को छह महीने पहले शुरू करना होता है। मौजूदा स्थिति में मात्र 75 दिन शेष रह जाने के कारण यह प्रतिबंध लगाया गया है।
