Himachal News: मंडी जिले में एक को-ऑपरेटिव सोसायटी का बड़ा घोटाला सामने आया है। ‘द मांडव थ्रीफ्ट एंड क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी’ में करीब पांच करोड़ रुपये की अनियमितता का मामला चल रहा है। इस सोसायटी के खिलाफ कई निवेशकों ने शिकायत दर्ज कराई है। अब आठ ऑडिटर इसके रिकॉर्ड की जांच कर रहे हैं।
सोसायटी के प्रमुख कर्ताधर्ता फिलहाल फरार चल रहे हैं। मामले की जांच मुख्यमंत्री सेवा संकल्प योजना और स्थानीय पुलिस कर रही है। सोसायटी का गठन वर्ष 2012 में हुआ था और इसका मुख्यालय सरकाघाट में स्थित है। प्रदेश के अखबार ने इस मामले को सबसे पहले उजागर किया था।
निवेशकों को नहीं मिल रहा उनका पैसा
सोसायटी में कुल 2092 लोगों के खाते थे। मार्च 2024 तक इन खातों में साढ़े पांच करोड़ रुपये की राशि थी। अब निवेशकों को अपना पैसा वापस नहीं मिल पा रहा है। सोसायटी में दैनिक आरडी, फिक्स डिपॉजिट और बचत खाते चल रहे थे। करीब 500 बचत खाते भी संचालित थे।
संधोल क्षेत्र के दो निवेशकों नितिन ठाकुर और टेक चंद को 28 लाख रुपये नहीं मिल पाए। उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री सेवा संकल्प योजना में शिकायत की है। मंडी शहरी पुलिस चौकी में भी दस निवेशकों ने एफआईआर दर्ज कराई है। चौंतड़ा क्षेत्र से भी शिकायतें अंकेक्षण अधिकारी के पास पहुंची हैं।
आठ ऑडिटर कर रहे हैं रिकॉर्ड की जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई शुरू की है। आठ ऑडिटरों की एक टीम सोसायटी के सभी वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही है। वे बारह साल के रिकॉर्ड को खंगाल रहे हैं। ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि कितनी राशि गबन की गई है।
सोसायटी की कई शाखाएं जिले के विभिन्न कस्बों में चल रही थीं। धर्मपुर में पांच शाखाएं थीं जबकि चौंतड़ा में दो शाखाएं संचालित थीं। जोगेंद्रनगर, सरकाघाट, मंडी, लडभड़ोल, संधोल, टिहरा, बलद्वाडा और सज्याओपिपलू में एक-एक शाखा थी। सभी शाखाओं के रिकॉर्ड जांच के दायरे में हैं।
सभी शाखाओं के खातों पर नजर
जांच में पता चला है कि सरकाघाट शाखा में 496 दैनिक बचत खाते थे। बलद्वाडा शाखा में 193 और जोगेंद्रनगर में 244 बचत खाते संचालित थे। मंडी शाखा में 190 तथा टिहरा में 272 बचत खाते दर्ज हैं। सज्याओपिपलू शाखा में 262 और चौंतड़ा में 88 बचत खाते थे।
आरडी खातों की बात करें तो लडभड़ोल शाखा में 66, मंडप में 117 और संधोल में 54 खाते थे। सरकाघाट मुख्यालय में 110 आरडी खाते दर्ज किए गए हैं। इनके अलावा अन्य प्रकार के खाते भी सोसायटी में चल रहे थे। ऑडिटर इन सभी खातों के लेनदेन का विस्तृत विश्लेषण कर रहे हैं।
पुलिस और प्रशासन दोनों सक्रिय
जिला प्रशासन और पुलिस दोनों इस मामले में संज्ञान ले चुके हैं। निवेशकों से लिखित शिकायतें ली जा रही हैं। सोसायटी के दफ्तरों को सील करने का भी प्रस्ताव है। फिलहाल सभी बैंक लेनदेन रोक दिए गए हैं। जांच पूरी होने तक सोसायटी का कोई भी कामकाज नहीं चलेगा।
निवेशकों में सोसायटी के प्रति गहरा अविश्वास पैदा हो गया है। कई लोगों ने अपनी जीवन भर की कमाई इसमें जमा कराई थी। उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन जल्द कार्रवाई करेगा। आठ ऑडिटरों की रिपोर्ट आने के बाद अगले चरण की कानूनी कार्रवाई शुरू होगी।
