Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में राज्य के हक की लड़ाई तेज कर दी है। वे चंडीगढ़ में हिमाचल की वैधानिक हिस्सेदारी और कर्मचारी प्रतिनिधित्व का मुद्दा गृह मंत्री अमित शाह के सामने रखने के लिए तैयार हैं। राज्य सरकार का कहना है कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम-1966 के बावजूद हिमाचल को उसका अधिकार नहीं मिला है।
मुख्यमंत्री सुक्खू रविवार को फरीदाबाद पहुंचे हैं जहाँ सोमवार को सूरजकुंड में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक होनी है। इस बैठक में हिमाचल प्रदेश की ओर से चंडीगढ़ हिस्सेदारी के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया जाएगा। राज्य सरकार ने इस विषय को पहले भी केंद्र सरकार के समय उठाया है लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।
पंजाब पुनर्गठन अधिनियम-1966 के अनुसार चंडीगढ़ में हिमाचल प्रदेश को 7.19 प्रतिशत वैधानिक हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। यह हिस्सेदारी प्रशासनिक और वित्तीय दोनों ही क्षेत्रों में निर्धारित है। लेकिन केंद्र शासित प्रदेश होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश को इस हिस्सेदारी से वंचित रखा गया है। इस बार मुख्यमंत्री इस मुद्दे को पूरी मजबूती के साथ उठाने का फैसला किया है।
चंडीगढ़ में कर्मचारी प्रतिनिधित्व का मुद्दा
हिमाचल सरकार चंडीगढ़ प्रशासन में कर्मचारियों की हिस्सेदारी के मामले को भी उठाएगी। वर्तमान में चंडीगढ़ प्रशासन में पंजाब सरकार के 60 प्रतिशत और हरियाणा सरकार के 40 प्रतिशत कर्मचारी कार्यरत हैं। हिमाचल प्रदेश को इसमें कोई भी प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। राज्य सरकार का तर्क है कि जब अधिनियम के तहत हिस्सेदारी तय है तो कर्मचारी संरचना में भी समानुपातिक प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
प्रदेश सरकार का मानना है कि चंडीगढ़ में हिमाचल की हिस्सेदारी केवल अधिकार का प्रश्न नहीं है। यह क्षेत्रीय संतुलन और संवैधानिक प्रावधानों के पालन का विषय भी है। मुख्यमंत्री सुक्खू बैठक में इन दोनों विषयों पर केंद्र सरकार से स्पष्ट और समयबद्ध समाधान की मांग करेंगे। इस बैठक में सीमावर्ती राज्यों से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होनी है।
कांग्रेस नेताओं से नहीं हुई मुलाकात
मुख्यमंत्री सुक्खू की कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से होने वाली संभावित बैठक नहीं हो पाई है। माना जा रहा था कि वे मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और अन्य नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री के देरी से दिल्ली पहुंचने और रविवार को फरीदाबाद आने के कारण यह बैठक नहीं हो पाई। अब माना जा रहा है कि सोमवार देर शाम या मंगलवार को यह मुलाकात संभव हो सकती है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस मुद्दे को लेकर कानूनी विकल्पों पर भी विचार किया है। राज्य के वकील इस संबंध में कानूनी राय ले चुके हैं। सरकार का मानना है कि केंद्र सरकार को पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों का पालन करना चाहिए। इस बैठक के परिणाम हिमाचल प्रदेश के भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ सहित कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री भाग ले रहे हैं। इस बैठक में क्षेत्रीय विकास और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा होनी है। लेकिन हिमाचल प्रदेश के लिए चंडीगढ़ हिस्सेदारी और कर्मचारी प्रतिनिधित्व सबसे प्रमुख मुद्दे बने हुए हैं।
