शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: सीएम सुक्खू ने शुरू किया ‘चिट्टा मुक्ति वॉकथन’, नशा मुक्ति के लिए जनआंदोलन की शुरुआत

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश में नशे के खिलाफ आज एक बड़े जनआंदोलन की शुरुआत हुई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला के रिज मैदान से राज्य स्तरीय ‘चिट्टा मुक्ति वॉकथन’ को हरी झंडी दिखाई। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य नशा और नशा माफिया को जड़ से खत्म करना है। सैकड़ों छात्रों और आम नागरिकों ने इस वॉकथन में भाग लिया।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने रिज पर उपस्थित छात्रों और आम जनता को नशा न करने की शपथ दिलाई। इसके बाद वह स्वयं सैकड़ों लोगों के साथ रिज से विधानसभा तक पैदल चले। इस जनआंदोलन में विभिन्न वर्गों के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सरकार ने ‘चिट्टा छोड़ो, जीवन अपनाओ’ का नारा दिया है।

तीन माह तक चलेगा अभियान

यह अभियान अगलेतीन महीने तक चलेगा। इस दौरान प्रदेश के सभी जिलों में एंटी-चिट्टा वॉकथॉन आयोजित की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने इस अभियान को जन आंदोलन बनाने की घोषणा की है। उनका लक्ष्य है कि पूरा हिमाचल प्रदेश नशे की लत से मुक्त हो जाए।

डीजीपी अशोक तिवारी के अनुसार, इस आयोजन में आम जनता, विद्यार्थी, सामाजिक संगठन और स्वयंसेवक सक्रिय रूप से भाग लेंगे। शिमला में मुख्य आयोजन के बाद अब अन्य जिलों में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पुलिस विभाग इस अभियान में पूरी तरह सहयोग करेगा।

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युवाओं की सक्रिय भागीदारी

इस वॉकथन मेंस्कूल और कॉलेज के छात्रों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। युवाओं ने नशा मुक्त हिमाचल के निर्माण में अपना योगदान देने का संकल्प लिया। मुख्यमंत्री ने युवाओं से नशे से दूर रहने और देश के विकास में भाग लेने की अपील की।

छात्रों ने हाथों में तख्तियां लेकर नशे के खिलाफ नारे लगाए। इन नारों में नशा मुक्ति के संदेश थे। युवाओं का उत्साह देखते ही बनता था। उन्होंने नशीले पदार्थों से दूर रहने की प्रतिज्ञा की।

सरकार की रणनीति

सरकार नेनशा मुक्ति अभियान को तीन स्तरों पर चलाने का निर्णय लिया है। पहला जागरूकता फैलाना, दूसरा नशा माफिया के खिलाफ कार्रवाई और तीसरा नशेड़ियों का पुनर्वास। इस बहुआयामी रणनीति से सरकार को बड़ी सफलता की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही नशे की लत से पीड़ित लोगों के इलाज की व्यवस्था भी की जाएगी।

जनभागीदारी पर जोर

सरकार इस अभियान मेंआम जनता की भागीदारी को महत्वपूर्ण मानती है। लोगों से अपील की गई है कि वे नशे की रोकथाम में सहयोग दें। नशीले पदार्थों की बिक्री की जानकारी मिलने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।

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सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी इस अभियान में भाग लेने की इच्छा जताई है। इन संगठनों ने नशा मुक्ति के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया है। सरकार को उम्मीद है कि सबके सहयोग से यह अभियान सफल होगा।

अन्य जिलों में तैयारियां

शिमलाके बाद अब प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिला प्रशासन ने इन आयोजनों की तैयारी शुरू कर दी है। स्थानीय स्तर पर लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक किया जाएगा।

हर जिले में अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से नशा मुक्ति का संदेश पहुंचाया जाएगा। स्कूलों और कॉलेजों में विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे। युवाओं को नशे के दुष्परिणामों के बारे में बताया जाएगा।

नशा मुक्ति का संकल्प

इस अभियान केमाध्यम से लोगों ने नशा मुक्त जीवन जीने का संकल्प लिया। उन्होंने प्रतिज्ञा की कि वे न तो स्वयं नशा करेंगे और न ही दूसरों को करने देंगे। इस जनसंकल्प से नशा मुक्त हिमाचल के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान कोई सामान्य कार्यक्रम नहीं है। यह हिमाचल के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। सरकार की कोशिश है कि प्रदेश के हर नागरिक को नशे के खतरों के बारे में पता चले।

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