Shimla News: हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर राज्य को ‘पूर्ण साक्षर’ घोषित किया। यह घोषणा शिमला में आयोजित ‘पूर्ण साक्षर हिमाचल समारोह’ के दौरान की गई।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राज्य ने निर्धारित समय सीमा से पहले यह लक्ष्य हासिल कर लिया है। हिमाचल की साक्षरता दर अब 99.30 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यह राष्ट्रीय मानक से काफी अधिक है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इस दिन को हिमाचल के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद प्रदेश शिक्षा में पिछड़ा हुआ था। आज यह पूर्ण साक्षर राज्यों की श्रेणी में शामिल हो गया है। इस सफलता में सभी सरकारों का योगदान रहा है।
मुख्यमंत्री ने पूर्ण साक्षरता के लक्ष्य में योगदान देने वाले अधिकारियों और स्वयंसेवकों को सम्मानित किया। उन्होंने नव साक्षरों के साथ भी बातचीत की। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने बताया कि राज्य ने सभी मापदंडों पर उपलब्धि हासिल की है।
शिक्षा क्षेत्र में हुआ उल्लेखनीय सुधार
प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधार किए हैं। विद्यार्थी-अध्यापक अनुपात में हिमाचल देश में अव्वल स्थान पर है। ड्रॉप आउट दर लगभग शून्य तक पहुंच गई है। सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है।
सरकार का लक्ष्य अब विश्वस्तरीय शैक्षणिक संस्थान विकसित करना है। शिक्षा प्रणाली में आधुनिक बदलाव लाए जा रहे हैं। इससे भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी। केन्द्रीय शिक्षा सचिव ने वीडियो संदेश में बधाई दी।
तीन दशकों का सफर रहा सफल
पूर्ण साक्षरता का सफर तीन दशकों तक चला। महिला मंडलों और युवक मंडलों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वयंसेवी संस्थाओं और स्वयंसेवकों ने अमूल्य योगदान दिया। शिक्षा सचिव स्वयं 1990 में साक्षरता स्वयंसेवक रह चुके हैं।
उल्लास कार्यक्रम के तहत कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई गईं। ‘जन-जन साक्षर’ के ध्येय से कार्य किया गया। नव साक्षरों ने समारोह में अपने अनुभव साझा किए। प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया गया।
