शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: सीएम सुख्खू ने चंडीगढ़ में 7.19% हिस्सेदारी का दावा किया, अमित शाह के सामने रखे हक

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Himachal News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुख्खू ने उत्तरी जोनल काउंसिल की बैठक में हिमाचल प्रदेश के हकों को लेकर मजबूत रुख अपनाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत हिमाचल को चंडीगढ़ में 7.19 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। यह राज्य का वैधानिक अधिकार है।

सुख्खू ने 2011 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि जनसंख्या अनुपात के आधार पर यह हिस्सेदारी हिमाचल को दी गई थी। उन्होंने मांग की कि इस मुद्दे को अगली उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक के एजेंडे में शामिल किया जाए। केंद्र को इसका समाधान निकालना चाहिए।

बीबीएमबी में स्थायी सदस्यता की मांग

मुख्यमंत्रीने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में हिमाचल प्रदेश के लिए स्थायी सदस्यता की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बिजली परियोजनाएं इसका महत्वपूर्ण आधार हैं। बीबीएमबी से लंबित देय राशि की तुरंत अदायगी की मांग भी रखी।

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सुख्खू ने केंद्र संचालित जलविद्युत परियोजनाओं में 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली रॉयल्टी लागू करने पर जोर दिया। जिन परियोजनाओं की लागत वसूल हो चुकी है, उनमें यह रॉयल्टी बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की वकालत की। इससे राज्य के संसाधनों को मजबूती मिलेगी।

पुरानी परियोजनाओं के हस्तांतरण पर जोर

मुख्यमंत्रीने 40 वर्ष पूरे कर चुकी केंद्रीय जलविद्युत परियोजनाओं को हिमाचल प्रदेश को वापस सौंपने की मांग की। उन्होंने किशाऊ और रेणुका डैम परियोजनाओं के बिजली घटकों के लिए पूर्ण केंद्रीय वित्तपोषण का अनुरोध किया।

इन परियोजनाओं के पूरा होने पर हिमाचल और उत्तराखंड को बिजली बराबर बांटने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों को 50-50 प्रतिशत बिजली मिलनी चाहिए। इससे क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी।

राजस्व घाटे और नशा उन्मूलन

जीएसटीमुआवजे की समाप्ति के बाद हिमाचल को 9,478 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का सामना करना पड़ा है। सुख्खू ने इसकी भरपाई के लिए विशेष टास्क फोर्स गठित करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि यह घाटा अभी तक नहीं भरा गया है।

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नशा उन्मूलन के बारे में बताया कि हिमाचल में ‘चिट्टा’ जैसी खतरनाक ड्रग्स के खिलाफ तीन महीने का विशेष अभियान चल रहा है। राज्य कानून प्रवर्तन के साथ-साथ पीड़ितों के उपचार और पुनर्वास पर भी ध्यान दे रहा है।

आपदा राहत और हवाई संपर्क

पहाड़ीराज्यों में बढ़ती आपदाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री ने आपदा राहत नियमों की समीक्षा की आवश्यकता जताई। उन्होंने पूर्व और पश्चात आपदा प्रबंधन मापदंडों के पुनर्निर्धारण पर जोर दिया।

हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार की पूरी लागत केंद्र से वहन करने की मांग की। छोटे हवाई अड्डों और हेलीपोर्ट्स के लिए अलग मास्टर प्लान तैयार करने का अनुरोध किया। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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