Himachal News: कांगड़ा जिले में कुत्तों को एक जिंदा गाय को परोस जाने का मामला सामने आया है। यह घटना डमटाल पंचायत के माजरा गांव में हुई। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस मामले में तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। सरकार ने जिला उपायुक्त से पूरी घटना की रिपोर्ट मांगी है। राजभवन ने भी इस संबंध में आधिकारिक रिपोर्ट तलब की है।
पशुपालन विभाग ने भी मामले की स्वतंत्र जांच शुरू कर दी है। विभाग कुत्तों के आश्रय स्थल के संचालन संबंधी सभी दस्तावेजों की जांच करेगा। पुलिस ने पहले ही एक संस्था के संचालक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। प्रशासन हर पहलू की गहन छानबीन कर रहा है।
पुलिस ने दर्ज किया केस
पुलिस ने इस मामले में पठानकोट निवासी सोनिया चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की है। सोनिया वॉयसलेस वॉयस फाउंडेशन नामक संस्था चलाती हैं। यह संस्था कुत्तों के आश्रय स्थल का संचालन करती है। उन पर पशु क्रूरता का मामला दर्ज किया गया है।
संस्था के संचालन से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जाएगी। आश्रय स्थल के लिए उपयोग की जा रही जमीन का स्वामित्व भी जांच के दायरे में है। प्रशासन यह पता लगाएगा कि कुत्तों को रखने की अनुमति किस आधार पर दी गई थी। सभी कानूनी प्रावधानों का पालन हुआ या नहीं, यह देखा जाएगा।
आश्रय स्थल की कानूनी जांच
जांच में यह पड़ताल की जाएगी कि आश्रय स्थल ने धारा 118 के तहत अनुमति ली या नहीं। संबंधित विभाग सभी दस्तावेजों का सूक्ष्म निरीक्षण करेगा। दस्तावेजों में किसी भी प्रकार की अनियमितता मिलने पर कड़ी कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि कुत्तों द्वारा गाय को नोचने और आश्रय स्थल को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। प्रशासनिक अधिकारी इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं।
गाय का हो रहा है इलाज
पशुपालन विभाग के सचिव रितेश चौहान ने बताया कि गाय को कुत्तों से बचाया गया है। घायल गाय का उचित उपचार किया जा रहा है। उसे एक गौशाला में रखा गया है। पशु चिकित्सक लगातार उसके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए हैं।
चौहान ने बताया कि गाय की सेहत की नियमित जांच की जा रही है। कुत्तों के आश्रय स्थल की अनुमति और प्रक्रियाओं की जांच का काम शुरू हो चुका है। विभाग हर पहलू की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करेगा। इससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।
राजभवन ने लिया संज्ञान
इस मामले ने राजभवन का भी ध्यान खींचा है। राजभवन ने सरकार को एक आधिकारिक पत्र भेजा है। इसमें घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। इंदौरा के पूर्व विधायक मनोहर धीमान ने भी इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी।
उन्होंने सरकार और राजभवन दोनों को अलग-अलग शिकायतें सौंपी हैं। इससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है। अब प्रशासन के सामने तुरंत और प्रभावी कार्रवाई करने का दबाव है। सभी संबंधित विभाग समन्वय से काम कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
आवारा कुत्तों के प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं। न्यायालय ने सार्वजनिक स्थलों को आवारा कुत्तों से मुक्त रखने के आदेश दिए हैं। स्कूल, अस्पताल, रेलवे स्टेशन और बस अड्डे शामिल हैं। खेल परिसरों को भी इस दायरे में रखा गया है।
कोर्ट के अनुसार नसबंदी के बाद कुत्तों को फिर से सड़क पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। उन्हें आश्रय स्थलों में रखना जरूरी है। कुत्तों का समुचित टीकाकरण और नसबंदी सुनिश्चित की जानी चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर उन्हें भोजन देने पर भी रोक है।
