Shimla News: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का कहर जारी है। 29 अगस्त की रात और 30 अगस्त सुबह कुल्लू, रामपुर, चंबा और बंजार क्षेत्र में पांच स्थानों पर बादल फटने से भारी तबाही हुई। कई घर, सेब बगीचे और वाहन पानी व मलबे की चपेट में आ गए। मणिमहेश यात्रा मार्ग पर फंसे करीब 6000 श्रद्धालुओं को सुरक्षित बचा लिया गया है।
भूस्खलन से पिता-पुत्र घायल
रामपुर के 12/20 क्षेत्र में भूस्खलन से पांच घर क्षतिग्रस्त हुए। इस घटना में एक पिता और पुत्र घायल हो गए। दोनों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। भरमौर-पठानकोट हाईवे पर रजेरा से आगे 20 किलोमीटर सड़क पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। अभी भी भरमौर में लगभग 5000 और चंबा में 500 यात्री फंसे हुए हैं।
चुराह और बंजार में भारी नुकसान
चुराह, कुल्लू और बंजार में बादल फटने से पुल-पुलिया बह गईं। सेब बगीचों को भी भारी नुकसान हुआ। बंजार के हिड़व नाले में मछली फार्म, दो मंदिर और छह घराट बाढ़ में बह गए। पौंग बांध से शनिवार को 1.10 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे निचले इलाकों में खतरा बढ़ गया है।
प्रदेश में 839 सड़कें अभी भी बंद
प्रदेश में अभी 839 सड़कें बंद हैं। 728 ट्रांसफॉर्मर ठप पड़े हैं। 456 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। शनिवार को शिमला समेत कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई। मौसम विभाग ने चंबा, कांगड़ा और कुल्लू जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
मुख्यमंत्री ने दी जानकारी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि मणिमहेश यात्रा के दौरान आपदा में किसी श्रद्धालु की मौत नहीं हुई। सभी यात्रियों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया जारी है। हेलिकॉप्टर से भी श्रद्धालुओं को चंबा लाने की तैयारी है। सीएम ने कहा कि राहत और पुनर्निर्माण कार्यों में धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
एनडीआरएफ का सक्रिय राहत अभियान
14वीं एनडीआरएफ बटालियन की टीमों ने तेजी से राहत कार्य शुरू किया। 30 अगस्त को राख से 192 और बग्गा से 167 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया। बग्गा रात्रि ऑपरेशन में 270 यात्रियों को बचाया गया। 31 अगस्त को भी बग्गा स्लाइडिंग प्वाइंट पर ऑपरेशन जारी रहा। दो दिनों में कुल 1459 श्रद्धालुओं की जान बचाई गई।
