शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री: टोंग-लेन स्कूल के छात्रों से मिले, शिक्षा पर दिया जोर

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को कांगड़ा जिले के धर्मशाला स्थित साराह में टोंग-लेन स्कूल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने छात्रों से रूबरू बातचीत की और उनके शौक व रुचियों के बारे में जाना। मुख्यमंत्री ने बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनने और देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित भी किया।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार लोगों के अधिकारों और कल्याण की रक्षा करने के लक्ष्य से काम कर रही है। इसी प्रतिबद्धता के तहत सुख आश्रय सहायता कोष की स्थापना की गई है।

इस कोष का मुख्य उद्देश्य अनाथ बच्चों को उच्च तथा व्यावसायिक शिक्षा के अवसर प्रदान करना है। सरकार इस पूरी शिक्षा का खर्च स्वयं वहन करेगी। यह कदम वंचित तबके के बच्चों के भविष्य को संवारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।

टोंग-लेन चैरिटेबल ट्रस्ट दशकों से गरीब समुदायों के बच्चों को शिक्षित करने का कार्य कर रहा है। इस स्कूल की स्थापना का मुख्य लक्ष्य झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले परिवारों के जीवन में सुधार लाना था। ट्रस्ट हर वंचित बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित करता है।

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फोरेंसिक जांच में मिलेगी मदद

इससेएक दिन पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री सुक्खू ने धर्मशाला में एक नई फोरेंसिक प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। इस क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में डिजिटल फोरेंसिक डिवीजन और उन्नत उपकरण प्रयोगशाला शुरू की गई है। इस सुविधा पर लगभग तीन करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।

इस प्रयोगशाला में अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं जो क्षतिग्रस्त मोबाइल फोन से भी डेटा निकालने में सक्षम हैं। इससे अपराधिक मामलों की जांच में एक बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है। लगभग साढ़े एक करोड़ रुपये के उपकरण इस प्रयोगशाला की शक्ति बढ़ाएंगे।

इन नवीन सुविधाओं से राज्य के उत्तरी क्षेत्र में फोरेंसिक जांच की गति और विश्वसनीयता बढ़ेगी। विशेष रूप से सात वर्ष या उससे अधिक सजा वाले मामलों में यह प्रयोगशाला जांच एजेंसियों की मदद करेगी। अपराध स्थल से सबूत जुटाने और उनका विश्लेषण करने में यह केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

नई इमारतों का उद्घाटन और शिलान्यास

मुख्यमंत्रीके इस दौरे के दौरान कई अन्य विकास कार्यों का भी शुभारंभ हुआ। उन्होंने कांगड़ा के जिला पंचायत संसाधन केंद्र की नई इमारत का उद्घाटन किया। इस भवन के निर्माण पर लगभग चार करोड़ रुपये की लागत आई है। यह केंद्र पंचायती राज संस्थाओं के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में सहायक होगा।

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इसके अलावा धर्मशाला में जिला परिषद के डीपीओ स्टाफ क्वार्टर का शिलान्यास भी किया गया। इस क्वार्टर के निर्माण पर करीब ढाई करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह आवासीय सुविधा अधिकारियों और कर्मचारियों को बेहतर रहने की स्थिति प्रदान करेगी।

इन सभी कार्यक्रमों में डिप्टी कमिश्नर हेमराज बैरवा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। टोंग-लेन ट्रस्ट के प्रबंधन और स्कूल के शिक्षकों ने भी मुख्यमंत्री का स्वागत किया। स्कूल दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।

ये सभी योजनाएं राज्य सरकार की प्रशासनिक और सामाजिक क्षेत्र में विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। शिक्षा और तकनीकी उन्नयन पर समान रूप से ध्यान दिया जा रहा है। इन पहलों का सीधा लाभ स्थानीय निवासियों को मिलेगा।

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