Himachal News: उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल का आभार जताया है। यह आभार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की लंबित राशि जारी होने के संदर्भ में है। केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए 58.75 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। इस धनराशि से राज्य में सिंचाई परियोजनाओं को नया जीवन मिलेगा।
अग्निहोत्री ने दिल्ली में पाटिल से शिष्टाचार भेंट के दौरान यह बातचीत की। उन्होंने बताया कि यह राशि लंबे समय से अटकी हुई थी। केंद्रीय मंत्री ने अपना वादा निभाते हुए त्वरित कार्रवाई की। इससे प्रदेश की विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों को गति मिलेगी। लंबे समय से प्रतीक्षित सिंचाई परियोजनाएं अब पूरी हो सकेंगी।
विकास कार्यों को मिलेगी गति
इस कोष की प्राप्ति से हिमाचल प्रदेश में कई निलंबित परियोजनाओं को पुनर्जीवित किया जा सकेगा। उप मुख्यमंत्री ने इस निधि को प्रदेश सरकार की योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह राशि केंद्र द्वारा राज्य की योजनाओं के लिए प्रदान की गई है। इससे सिंचाई संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार होगा।
अग्निहोत्री ने केंद्रीय मंत्री के सहयोगी रवैये की सराहना की। उन्होंने कहा कि पाटिल ने उनके अनुरोध को तुरंत स्वीकार कर लिया। इस निर्णय से राज्य सरकार के कार्यों में तेजी आएगी। किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधाएं मिल सकेंगी।
भविष्य की योजनाओं पर चर्चा
इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने अन्य योजनाओं पर भी विचार-विमर्श किया। उप मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से कुछ नई योजनाओं की मांग भी रखी। उन्होंने विश्वास जताया कि भविष्य में हिमाचल प्रदेश को और अधिक परियोजनाएं मिलेंगी। कुछ नए प्रोजेक्ट्स already सौंपे भी जा चुके हैं।
अग्निहोत्री ने हिमाचल के सर्वांगीण विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि खेतों और घरों तक पानी पहुंचाने के लिए निरंतर कार्य चल रहा है। जल शक्ति विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी पूरी लगन से काम कर रहे हैं।
आपदा के बाद के पुनर्निर्माण efforts
उप मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन में विभाग के efforts की सराहना की। उन्होंने बताया कि आपदा के समय सभी कर्मचारियों ने दिन-रात एक कर दिया था। उस चुनौतीपूर्ण दौर के बाद योजनाओं को सुचारू बनाने पर जोर दिया गया। अब भी विकास कार्य तेज गति से चल रहे हैं।
इस कोष से किसानों को सिंचाई में मदद मिलेगी। पानी की उपलब्धता बढ़ने से कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी लाभ मिलेगा। राज्य सरकार का लक्ष्य हर खेत तक पानी पहुंचाना है।
