Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की पंचायतों के लिए बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने राज्य को 170 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। यह राशि 15वें वित्त आयोग के तहत दी गई है। इससे प्रदेश की 3577 पंचायतों में विकास कार्यों को गति मिलेगी। यह धनराशि राज्य सरकार के कोषागार में पहुंच चुकी है।
इस राशि का वितरण तीन स्तरीय प्रणाली के अनुसार हुआ है। कुल धनराशि का 70 प्रतिशत हिस्सा सीधे ग्राम पंचायतों को मिलेगा। 15 प्रतिशत राशि ब्लॉक समितियों को जाएगी। शेष 15 प्रतिशत राशि जिला परिषदों के लिए निर्धारित है। इस वितरण से सभी स्तरों पर काम शुरू हो सकेंगे।
टाइड और अनटाइड फंड का विवरण
केंद्र सरकार ने यह राशि दो चरणों में मंजूरी दी थी। अनटाइड फंड के तहत 24 सितंबर 2025 को 68 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। इसके बाद 29 अक्टूबर 2025 को टाइड फंड के तहत 102 करोड़ रुपये मंजूर हुए। दोनों मंजूरियों को मिलाकर कुल 170 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई।
टाइड फंड को विशिष्ट योजनाओं पर ही खर्च किया जा सकता है। इसमें स्वच्छता और पेयजल जैसे कार्य शामिल हैं। वहीं अनटाइड फंड का उपयोग व्यापक विकास कार्यों के लिए होगा। इससे स्थानीय जरूरतों के अनुसार काम किया जा सकेगा।
पंचायतों में किन कार्यों पर होगा खर्च
इस राशि से ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक जरूरी कार्य होंगे। स्वच्छता और पेयजल की सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा। गांवों में सड़क निर्माण और मरम्मत का काम तेजी से हो सकेगा। सुरक्षा के लिए दीवारों का निर्माण भी किया जा सकेगा।
इसके अलावा सामुदायिक भवनों और शौचालयों का निर्माण होगा। युवक मंडल और महिला मंडल के विकास कार्यों के लिए भी राशि उपलब्ध होगी। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। लंबे समय से लटके कार्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
मंत्री ने दी जानकारी
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि 15वें वित्त आयोग की राशि जारी कर दी गई है। इससे पंचायतों में विकास कार्यों की गति बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यह राशि समयबद्ध तरीके से खर्च की जाएगी।
मंत्री ने कहा कि सरकार का फोकस ग्रामीण विकास पर है। इस राशि से गांवों के बुनियादी ढांचे में सुधार आएगा। पंचायतों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्राथमिकता के आधार पर काम शुरू करें। इससे ग्रामीण जनता को सीधा लाभ मिलेगा।
वित्त आयोग का उद्देश्य
15वें वित्त आयोग का गठन केंद्र और राज्यों के बीच संसाधन बंटवारे के लिए हुआ था। आयोग ने स्थानीय निकायों को सीधे धन देने की सिफारिश की थी। इसका उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर विकास कार्यों को बढ़ावा देना है। यह राशि इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस राशि से पंचायतों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी। वे अपने निर्णय स्वयं ले सकेंगी। स्थानीय समस्याओं का स्थानीय स्तर पर ही समाधान हो सकेगा। इससे पंचायती राज संस्थाओं को शक्तिशाली बनाने में मदद मिलेगी।
राज्य सरकार की भूमिका
राज्य सरकार ने इस राशि का त्वरित वितरण सुनिश्चित किया है। अब पंचायतों को अपनी योजनाएं बनानी होंगी। उन्हें इस राशि का उपयोग पारदर्शी तरीके से करना होगा। सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
इस राशि के उपयोग पर निगरानी रखी जाएगी। नियमित रूप से प्रगति रिपोर्ट मांगी जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि धन का उपयोग सही ढंग से हो। इससे विकास कार्यों की गुणवत्ता भी बनी रहेगी।
स्थानीय प्रतिक्रिया
इस घोषणा से ग्रामीण क्षेत्रों में खुशी की लहर है। पंचायत प्रतिनिधियों ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे लंबे समय से अटके कार्य पूरे होंगे। गांवों में बुनियादी सुविधाओं की कमी दूर होगी।
लोगों को उम्मीद है कि इस राशि का उपयोग जनहित के कार्यों में होगा। इससे ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार आएगा। पंचायतें अब अपने क्षेत्र की प्राथमिकताओं के अनुसार काम कर सकेंगी। यह ग्रामीण विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।
