Himachal News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में सोमवार को हुई हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कई बड़े फैसले हुए। आपदा प्रभावितों के लिए राहत राशि में बढ़ोतरी की गई और राज्य में दो हजार से अधिक पदों पर भर्ती की मंजूरी दी गई। इन निर्णयों का उद्देश्य जनता को राहत पहुंचाना और राज्य के विकास को गति देना है。
आपदा से प्रभावित परिवारों को मिलने वाली वित्तीय सहायता में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। घरेलू सामान के नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि अब 70,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है。 आग लगने की स्थिति में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिए सात लाख रुपये के विशेष सहायता पैकेज की घोषणा की गई है。
इसके अलावा, प्रदेश में आपदा प्रबंधन को मजबूत बनाने के लिए भारतीय वायुसेना की हेलीकॉप्टर सेवाएं ली जाएंगी। इस सेवा के लिए वायुसेना को 4.32 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं。 मनरेगा के तहत रोजगार के दिनों की संख्या बढ़ाकर 150 दिन कर दी गई है。
राज्य सरकार ने रोजगार के अवसर पैदा करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए विभिन्न विभागों में 2000 से अधिक पदों पर भर्ती की मंजूरी दी है। स्वास्थ्य विभाग में 1000 ‘रोगी मित्र’ नियुक्त किए जाएंगे, जिनका काम मरीजों की बेहतर देखभाल सुनिश्चित करना होगा。
पुलिस विभाग में कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 800 कांस्टेबलों की भर्ती की जाएगी。 सोलन के कंडाघाट और सिरमौर के राजगढ़ में नए उप-अग्निशमन केंद्र खोले जाएंगे और इनके लिए 46 पद सृजित किए गए हैं。
जल शक्ति और लोक निर्माण विभाग में 150 जूनियर इंजीनियरों को जॉब ट्रेनी के रूप में नियुक्त किया जाएगा。 चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में नौ सुपर स्पेशियलिटी विभाग खोले जाएंगे और 73 नए पद सृजित होंगे。
सामाजिक सुरक्षा और अन्य फैसले
कैबिनेट ने दिव्यांगजनों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब 40 प्रतिशत या अधिक दिव्यांगता वाले सभी व्यक्ति सामाजिक सुरक्षा पेंशन के पात्र होंगे। इसके लिए पहले की शर्त, जिसमें अभिभावकों के सरकारी नौकरी में होने पर पेंशन नहीं मिलती थी, को समाप्त कर दिया गया है。
युवाओं के लिए राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के तहत 1000 पेट्रोल-डीजल टैक्सियों को इलेक्ट्रिक टैक्सी में बदलने पर 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी。 नशे के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के लिए एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स और स्पेशल टास्क फोर्स का विलय कर एक एकीकृत एजेंसी बनाई जाएगी。
पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन को भी मंजूरी मिल गई है। इस फैसले के कारण पंचायत चुनाव में देरी होने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि इस मामले पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में सुनवाई लंबित है。
मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना का दायरा बढ़ाया गया है। अब शहरी क्षेत्रों के छोटे दुकानदार और वार्षिक टर्नओवर दस लाख रुपये से कम वाले खुदरा विक्रेता भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे。
