Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक सौ सरकारी स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरू करने की मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27 से यह पाठ्यक्रम लागू होगा। इससे पहले कई शिक्षक संघों ने इस फैसले का विरोध किया था।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री से इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की थी। परंतु सरकार ने अपना फैसला बरकरार रखा है। शिक्षा विभाग ने पहले दो सौ उनतीस स्कूलों की सूची तैयार की थी जिनमें सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरू किया जाना था।
मान्यता प्रक्रिया और आवश्यकताएं
चयनित स्कूलों को सीबीएसई से मान्यता लेनी होगी। इसके लिए स्कूलों को अपना आधारभूत ढांचा सुधारना होगा। शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करनी होगी। सीबीएसई के मानकों के अनुसार नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा।
प्रति स्कूल लगभग सत्तर हज़ार रुपये की धनराशि की आवश्यकता होगी। इस राशि में पंजीकरण, निरीक्षण और अन्य शुल्क शामिल हैं। स्कूलों में मरम्मत और जीर्णोद्धार के कार्य भी करने होंगे। राज्य सरकार को इन सभी कार्यों के लिए बजट की व्यवस्था करनी होगी।
लाभ और प्रभाव
इस निर्णय से सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक अवसर मिलेंगे। उनकी शैक्षणिक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होगी। उच्च शिक्षा और व्यावसायिक करियर के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। शिक्षकों को भी नए शिक्षण तरीकों में प्रशिक्षण मिलेगा।
चयनित स्कूलों में पीएम श्री स्कूल और एक्सीलेंस स्कूल शामिल हैं। सरकार ने इस योजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का निर्णय लिया है। इससे राज्य के शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है।
