Himachal Pradesh News: थियोग के कीरा इलाके में एक राजनीतिक नेता के बयान ने तूफान खड़ा कर दिया है। आजय श्याम के भाषण को लेकर स्थानीय ब्राह्मण समुदाय ने सख्त आपत्ति जताई है। शिमला के एक निवासी ने पुलिस महानिदेशक को शिकायत पत्र लिखा है।
आरोप है कि आजय श्याम ने 17 नवंबर को सार्वजनिक सभा में आपत्तिजनक बयान दिए। यह भाषण स्कूली बच्चों की मौजूदगी में दिया गया। शिकायतकर्ता ने तुरंत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
विवादित बयान की प्रतिक्रिया
शिकायतकर्ता आतुल शर्मा ने पत्र में कहा कि यह सांस्कृतिक आपातकाल की स्थिति है। उन्होंने आरोप लगाया कि आजय श्याम ने जानबूझकर ब्राह्मण समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई। इस बयान से समाज में तनाव फैलने का खतरा है।
पत्र में कहा गया कि यह केवल शिकायत नहीं बल्कि न्याय की मांग है। शिकायतकर्ता ने पुलिस से तत्काल कार्रवाई का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि कानून का पालन सुनिश्चित करना पुलिस की जिम्मेदारी है।
नेता के विवादित बयान
आजय श्याम ने अपने भाषण में पुनर्जन्म की अवधारणा पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि मरने के बाद कुछ नहीं होता और कोई वापस नहीं आता। उन्होंने धार्मिक रीति-रिवाजों पर भी सवाल उठाए।
उनके बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। शिकायतकर्ता ने इन रिकॉर्डिंग को सबूत के तौर पर पेश किया है। फेसबुक लिंक भी शिकायत पत्र में शामिल किए गए हैं।
कानूनी धाराओं का हवाला
शिकायतकर्ता ने भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं का उल्लेख किया है। बीएनएस 297 का हवाला देते हुए धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया। बीएनएस 300 के तहत भी कार्रवाई की मांग की गई।
बीएनएस 195 के तहत समुदायों के बीच नफरत फैलाने का आरोप लगाया गया। बीएनएस 351 और बीएनएस 350 का हवाला देते हुए सार्वजनिक शांति भंग करने का आरोप लगाया गया। सभी धाराओं के तहत केस दर्ज करने की मांग की गई।
समुदाय की प्रतिक्रिया
ब्राह्मण समुदाय के लोग इस बयान से गहराई से आहत हैं। उनका कहना है कि यह बयान उनकी सदियों पुरानी धार्मिक विरासत का अपमान है। समुदाय के लोग न्याय की मांग कर रहे हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि राजनीतिक नेताओं को संवेदनशील मामलों में सावधानी बरतनी चाहिए। धार्मिक विश्वासों पर सीधे हमला करना समाज में तनाव पैदा कर सकता है। लोग शांतिपूर्ण सहअस्तित्व बनाए रखना चाहते हैं।
पुलिस की भूमिका
अब सभी की नजर पुलिस कार्रवाई पर टिकी है। शिकायतकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला दिया है। कोर्ट ने घृणा फैलाने वाले भाषण के मामलों में तुरंत एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं कर पाई है। सूत्रों के अनुसार मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही कोई निर्णय लिया जा सकता है। दोनों पक्षों के बयान रिकॉर्ड किए जा रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
स्थानीय राजनीतिक दलों ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि निजी तौर पर कई नेताओं ने संवेदनशील मुद्दों पर सावधानी बरतने की सलाह दी है। उनका मानना है कि ऐसे मामले समाज में अनावश्यक तनाव पैदा करते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह मामला और गर्मा सकता है। दबाव के चलते पुलिस को जल्द ही कोई निर्णय लेना होगा। समुदाय के लोग एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।
