Shimla News: हिमाचल प्रदेश में भारी मानसून और प्राकृतिक आपदा के कारण ग्राम सभा की बैठकें नहीं हो पाई थीं। इससे बीपीएल सर्वेक्षण का कार्य प्रभावित हुआ था। अब पंचायती राज विभाग ने सभी पंचायतों को ग्राम सभा बैठकें आयोजित करने के निर्देश जारी किए हैं। इन बैठकों में बीपीएल सूची को अद्यतन किया जाएगा।
मानसून के दौरान हुई भारी वर्षा और भूस्खलन ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था। इस कारण जुलाई में निर्धारित ग्राम सभा बैठकें आयोजित नहीं हो सकीं। जहां बैठकें हुईं भी, वहां पर्याप्त संख्या में सदस्य उपस्थित नहीं हो पाए। अब स्थिति सामान्य होने पर इस प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है।
इन बैठकों में बीपीएल सूची में पात्र परिवारों को शामिल किया जाएगा। साथ ही अयोग्य परिवारों को सूची से हटाया जाएगा। एक बार बीपीएल सूची से हटाए जाने पर परिवार को तीन वर्ष तक इसका लाभ नहीं मिल सकेगा। यह नियम सख्ती से लागू होगा।
सत्यापन प्रक्रिया
सत्यापन समिति घर-घर जाकर आवेदनों की जांच करेगी। इस समिति में पंचायत सचिव, पटवारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल होंगे। समिति प्रत्येक आवेदन की विस्तृत जांच करेगी। वे परिवारों की वास्तविक स्थिति का सत्यापन करेंगे।
जिन परिवारों की वार्षिक आय पचास हजार रुपये से अधिक है, उन्हें बीपीएल सूची से बाहर किया जाएगा। सरकारी या निजी नौकरी करने वाले परिवारों को भी सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। पक्का मकान होने की स्थिति में भी परिवार बीपीएल योग्य नहीं होगा।
पात्रता मानदंड
ऐसे परिवार जिनमें केवल अनाथ बच्चे या वृद्धजन ही सदस्य हैं, उन्हें शामिल किया जाएगा। महिला मुखिया वाले परिवार भी पात्र होंगे। इनमें विधवा, अविवाहित या तलाकशुदा महिलाएं शामिल हैं। पचास प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले मुखिया वाले परिवार भी योग्य हैं।
जिन परिवारों के सदस्यों ने मनरेगा के तहत सौ दिनों का काम किया है, वे भी शामिल हो सकते हैं। गंभीर बीमारियों से पीड़ित और स्थायी रूप से अक्षम सदस्यों वाले परिवार भी बीपीएल के पात्र माने जाएंगे। इन मानदंडों का सख्ती से पालन कराया जाएगा।
अयोग्य परिवार
जिन परिवारों के पास पक्का मकान है, वे बीपीएल योग्य नहीं होंगे। आयकर दाता परिवारों को भी सूची से बाहर रखा जाएगा। एक हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले परिवार भी अयोग्य घोषित किए जाएंगे। सरकारी या निजी नौकरी वाले सदस्यों के परिवार भी बीपीएल के दायरे में नहीं आएंगे।
खंड स्तरीय समिति इस पूरी प्रक्रिया की मंजूरी देगी। इस समिति की अध्यक्षता उपमंडल अधिकारी करेंगे। खंड विकास अधिकारी और पंचायत निरीक्षक भी इस समिति के सदस्य होंगे। समिति की मंजूरी के बाद ही अंतिम सूची जारी की जाएगी।
