Dharamshala News: हिमाचल प्रदेश के 229 स्कूलों को प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से सीबीएसई में शिफ्ट किए जाने पर बोर्ड संघ ने आपत्ति जताई है. हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला कर्मचारी संघ ने बोर्ड अध्यक्ष के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपा है. संघ ने इस तरह के परिवर्तन को तुरंत प्रभाव से रोकने की मांग उठाई है.
संघ के राज्य प्रधान सुनील शर्मा ने पूरी कार्यकारिणी के साथ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने कहा कि राज्य के 229 महत्वपूर्ण स्कूलों के सीबीएसई में शिफ्ट होने से हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा. इससे प्रदेश सरकार पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा.
पीएमश्री योजना का उद्देश्य
संघ ने अपने ज्ञापन में स्पष्ट किया कि पीएमश्री योजना का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है, न कि बोर्ड में परिवर्तन करना. योजना में सीबीएसई बोर्ड से संबद्धता अनिवार्य नहीं है. राज्य बोर्ड भी इसके तहत कार्यान्वित हो सकता है. संघ का मानना है कि इस परिवर्तन से ग्रामीण छात्रों को कठिनाई होगी.
हिमाचल प्रदेश बोर्ड के पाठ्यक्रम में राज्य की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भौगोलिक विशेषताओं को समाहित किया जाता है. सीबीएसई के पाठ्यक्रम में यह स्थानीय दृष्टिकोण नहीं होता. इससे विद्यार्थियों की स्थानीय पहचान और समझ कमजोर हो सकती है. संघ ने इस बात पर विशेष जोर दिया.
ग्रामीण छात्रों पर प्रभाव
इस बदलाव का सबसे अधिक प्रभाव ग्रामीण छात्रों पर पड़ेगा. राज्य में बड़ी संख्या में छात्र हिंदी माध्यम में पढ़ते हैं. सीबीएसई का पाठ्यक्रम और परीक्षा प्रणाली मुख्यतः अंग्रेजी आधारित है. इससे ग्रामीण और वंचित वर्ग के छात्रों को कठिनाई हो सकती है.
संघ ने बोर्ड अध्यक्ष से मांग की है कि वह उनकी आवाज प्रदेश सरकार तक पहुंचाएं. उन्होंने इन स्कूलों के बोर्ड परिवर्तन को रोकने का अनुरोध किया है. संघ का मानना है कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार बोर्ड बदलने से नहीं, बल्कि शिक्षण व्यवस्था में सुधार से आएगा.
