Himachal Pradesh News: भाजपा ने हिमाचल प्रदेश सरकार की महंगाई भत्ता घोषणा पर सवाल उठाए हैं। पार्टी के प्रदेश महामंत्री डॉ सिकन्दर कुमार ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के डीए में एक प्रतिशत की कटौती की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जहां चार प्रतिशत डीए की वृद्धि की थी, वहीं राज्य सरकार ने केवल तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की है। इससे कर्मचारियों को नुकसान हो रहा है।
केंद्र और राज्य के डीए में अंतर
केंद्र सरकार ने एक जुलाई 2023 से चार प्रतिशत डीए वृद्धि की थी। इसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों का कुल महंगाई भत्ता 46 प्रतिशत हो गया। वहीं हिमाचल प्रदेश सरकार ने केवल तीन प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की। इससे राज्य के कर्मचारियों का कुल डीए 45 प्रतिशत ही रह गया। भाजपा नेता के अनुसार इस निर्णय से कर्मचारियों को एक प्रतिशत डीए का नुकसान हो रहा है।
पेंडिंग महंगाई भत्ता का मुद्दा
डॉ कुमार ने बताया कि कर्मचारियों की तीन किश्तें लंबित हैं। एक जुलाई 2023 से चार प्रतिशत, एक जनवरी 2024 से चार प्रतिशत और एक जुलाई 2024 से तीन प्रतिशत डीए देय है। इस तरह कुल 11 प्रतिशत महंगाई भत्ता बकाया है। सरकार ने पिछले डीए के एरियर का भुगतान भी अभी तक नहीं किया है। वित्तीय स्थिति के चलते भुगतान में देरी हो रही है।
रोजगार के वादों पर सवाल
भाजपा नेता ने सरकार पर रोजगार के वादे पूरे न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पहली कैबिनेट में एक लाख नौकरियां देने का वादा किया था। पांच साल में पांच लाख रोजगार देने का भी वादा था। लेकिन अब मुख्यमंत्री कहते हैं कि राज्य में कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है। इससे साफ है कि सरकार नए रोजगार देने से परहेज कर रही है।
वित्तीय स्थिति पर टिप्पणी
डॉ सिकन्दर कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री लगातार राज्य की खराब वित्तीय स्थिति का हवाला देते हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार प्रदेश नहीं चला सकती तो उसे गद्दी छोड़ देनी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी सत्ता संभालने के लिए तैयार है। पार्टी राज्य की वित्तीय स्थिति सुधारने में सक्षम है। सरकार को कर्मचारियों के हितों की रक्षा करनी चाहिए।
पदोन्नति पर प्रभाव की आशंका
भाजपा नेता ने आशंका जताई कि इस निर्णय का पदोन्नति प्रक्रिया पर भी असर पड़ेगा। जिन कर्मचारियों की पदोन्नति होनी है, उनपर यह निर्णय ग्रहण की तरह है। सरकारी नीतियों से कर्मचारियों के मनोबल पर असर पड़ रहा है। युवाओं को नौकरी के अवसर नहीं मिल पा रहे हैं। राज्य सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
