Shimla News: भाजपा विधायक एवं वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक जमवाल ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में तानाशाही चल रही है। सरकार बात-बात पर जनता, कर्मचारियों, विपक्ष और अब बच्चों तक पर एफआईआर दर्ज कर रही है। जमवाल ने मंगलवार को जारी एक बयान में यह आरोप लगाए।
उन्होंने सोलन जिले के दाड़लाघाट की एक घटना का उदाहरण दिया। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान कुछ बच्चों और स्थानीय लोगों ने भोजन की व्यवस्था न होने पर नारेबाजी की थी। इस पर सरकार ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी। जमवाल ने इसे अत्यंत निंदनीय और तानाशाही प्रवृत्ति का उदाहरण बताया।
बच्चों पर एफआईआर को लेकर आक्रोश
त्रिलोक जमवाल ने कहा कि यह पहली बार है जब हिमाचल में निर्दोष बच्चों और आम जनता पर इस तरह की कार्रवाई हुई है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए चिंताजनक बताया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस सरकार की आदत बन गई है कि जो भी उसके खिलाफ आवाज उठाए, उस पर केस दर्ज कर दिया जाए।
उन्होंने शिक्षकों के मामले का जिक्र किया। शिक्षकों द्वारा मांग उठाने पर सरकार ने एक ही दिन में 900 से अधिक एफआईआर दर्ज की थीं। यह घटना अभी तक लोगों के जेहन में ताजा है। इससे पहले भी सरकार ने आवाज उठाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है।
विपक्षी नेताओं पर हो रही कार्रवाई
जमवाल ने बताया कि सचिवालय के बाहर दृष्टिबाधित लोगों ने जब अपने अधिकारों की बात की, तो उनके खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए। सचिवालय कर्मचारी संघ द्वारा धरना देने पर कर्मचारियों को मेमो और ट्रांसफर ऑर्डर थमा दिए गए। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं पर एफआईआर दर्ज करने की परंपरा सरकार ने बना ली है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी पर भी इसी मानसिकता के तहत मामले दर्ज किए गए। जमवाल ने आरोप लगाया कि आपदा के समय जब लोग राहत की उम्मीद में सरकार की ओर देखते हैं, तब भी कांग्रेस सरकार उन पर केस करती है।
लोकतांत्रिक मूल्यों पर खतरे की चेतावनी
भाजपा नेता ने कहा कि सरकार का यह रवैया लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा है। जनता को अपनी बात रखने का अधिकार है। सरकार का काम जनता की समस्याओं को सुनना और उनका समाधान करना है। उन्होंने कहा कि विरोध की आवाज को दबाने से समस्याएं हल नहीं होतीं।
त्रिलोक जमवाल ने सरकार से इस तरह की कार्रवाइयों पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि बच्चों पर एफआईआर दर्ज करना नैतिक रूप से गलत है। सरकार को इस मामले में संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। उन्होंने भाजपा की ओर से इस मुद्दे को उठाने का संकल्प दोहराया।
