Shimla News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दी है। अदालत ने सरकार के पुराने आदेश को रद्द कर दिया है। अब कर्मचारियों को वर्कचार्ज दर्जा देने पर नए सिरे से विचार होगा। यह फैसला Himachal Pradesh के हजारों कर्मियों के लिए राहत भरा कदम है। कोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
वर्कचार्ज दर्जे पर क्या बोली अदालत?
न्यायाधीश संदीप शर्मा ने यह अहम फैसला सुनाया। विभाग ने वर्कचार्ज समाप्त होने की बात कहकर दर्जा देने से मना कर दिया था। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला दिया। यदि किसी कर्मी ने साल में 240 दिन और कुल 8 साल सेवा दी है, तो वह इसका हकदार है।
लाभ कैसे मिलेगा?
अदालत ने साफ किया कि यह दर्जा केवल सांकेतिक (Notional) आधार पर मिलेगा। इसका मतलब है कि पिछले सालों का नकद एरियर नहीं मिलेगा। हालांकि, वेतन निर्धारण और वरिष्ठता में इस अवधि को गिना जाएगा। यह फैसला सूरजमणि मामले के आधार पर दिया गया है।
कॉलेज निर्माण में देरी पर सरकार तलब
हाईकोर्ट ने कुल्लू के निरमंड कॉलेज भवन निर्माण में देरी पर भी सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने Himachal Pradesh सरकार को नोटिस जारी किया है। वहां शिक्षा विभाग के पास 35 बीघा जमीन उपलब्ध है। इसके बावजूद काम शुरू नहीं हो पाया। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी 2026 को होगी।
डाक सेवक को किया बरी
अदालत ने एक अन्य मामले में ग्रामीण डाक सेवक को बरी कर दिया। निचली अदालत ने उसे पेंशन गबन के आरोप में सजा सुनाई थी। यह फैसला केवल अंगूठे के निशान की रिपोर्ट पर आधारित था। हाईकोर्ट ने कहा कि सिर्फ विशेषज्ञ की रिपोर्ट पर किसी को दोषी नहीं मान सकते। गवाहों ने भी आरोपों का समर्थन नहीं किया था।
शिक्षकों की दोबारा नियुक्ति पर सवाल
कोर्ट ने कॉलेज प्रिंसिपलों के पुन: रोजगार (Re-employment) पर सरकार से जवाब मांगा है। आरोप है कि Himachal Pradesh सरकार ने ‘पिक एंड चूज’ की नीति अपनाई। कुछ प्रिंसिपलों को हटाकर उनकी जगह नियमित शिक्षक लगा दिए गए। कोर्ट ने पूछा है कि कुछ ही लोगों को लाभ क्यों मिला।
अधिकारियों को मिली पदोन्नति
हाईकोर्ट ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को भी पदोन्नति दी है। मुख्य न्यायाधीश ने नियमों के तहत ये आदेश जारी किए। पदम देव शर्मा अब एडिशनल रजिस्ट्रार बन गए हैं। सुभाष चंद धीमान और वीरेंद्र को भी पदोन्नति मिली है। यह नियुक्तियां कोर्ट में चल रही याचिका के अंतिम फैसले पर निर्भर करेंगी।
