Himachal News: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। बोर्ड अध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि मार्च 2026 से कक्षा दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं में समान प्रश्न पत्र पैटर्न लागू किया जाएगा। वर्तमान में तीन श्रृंखलाओं में तैयार होने वाले प्रश्न पत्रों की जगह अब केवल एक प्रारूप होगा।
हिमाचल प्रदेश राज्य स्कूल मानक निर्धारण प्राधिकरण के रूप में अधिसूचित होने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इसके साथ ही बोर्ड ने स्कूल गुणवत्ता मूल्यांकन ढांचा भी तैयार किया है। यह ढांचा राज्य भर के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा।
परीक्षा प्रणाली में बदलाव
नए प्रश्न पत्र प्रारूप में केवल प्रश्नों के क्रम में भिन्नता होगी। सभी श्रृंखलाओं में प्रश्नों की कठिनाई स्तर समान रहेगा। इससे छात्रों के एक वर्ग को अनुचित लाभ मिलने की स्थिति समाप्त होगी। परीक्षा निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
बोर्ड ने शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। एनईपी 2020 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए शिक्षकों को नई शिक्षण पद्धतियों से अवगत कराया जा रहा है। इससे कक्षाओं में शिक्षण गुणवत्ता में सुधार होगा।
बहुविकल्पीय प्रश्न और ओएमआर शीट
सभी बोर्ड परीक्षा विषयों में अब बीस प्रतिशत प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे। छात्र इन प्रश्नों के उत्तर ओएमआर शीट पर देंगे। इसका उद्देश्य छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहतर ढंग से तैयार करना है। नीट और जेईई जैसी परीक्षाओं में छात्रों को इससे मदद मिलेगी।
ओएमआर शीट का उपयोग करने से छात्रों को व्यावहारिक अनुभव मिलेगा। वे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए खुद को बेहतर ढंग से तैयार कर पाएंगे। यह बदलाव छात्रों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
डिजिटल होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड
बोर्ड ने डिजिटल होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड भी डिजाइन किया है। यह कार्ड माध्यमिक चरण के छात्रों की शैक्षणिक प्रगति को रिकॉर्ड करेगा। सह-पाठयक्रम गतिविधियों का व्यापक मूल्यांकन भी इसके through होगा। छात्रों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
यह कार्ड शिक्षा के समग्र दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करेगा। केवल शैक्षणिक उपलब्धियों के बजाय छात्रों के सम्पूर्ण विकास का रिकॉर्ड रखा जाएगा। इससे छात्रों की विभिन्न क्षमताओं का आकलन संभव हो सकेगा।
भविष्य की योजनाएं
राज्य सरकार का लक्ष्य छात्रों को अधिक व्यावहारिक और समग्र शिक्षा प्रदान करना है। इससे छात्र जीवन में बेहतर निर्णय ले सकेंगे। विभिन्न कौशल विकसित करने में भी उन्हें मदद मिलेगी। शिक्षा प्रणाली में यह बदलाव दूरगामी प्रभाव डालेगा।
हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल कार्यान्वयन से राज्य की शिक्षा प्रणाली मजबूत होगी। छात्रों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिलेगा। भविष्य में और सुधारों की योजना बनाई जा रही है।
