Himachal News: हिमाचल प्रदेश ने बाल संरक्षण के क्षेत्र में देश भर में नई मिसाल कायम की है। प्रदेश भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां अनाथ बच्चों के लिए विशेष कानून लागू किया गया है। इस कानून का उद्देश्य अनाथ और वंचित बच्चों की देखभाल और शिक्षा सुनिश्चित करना है।
ज्वालामुखी में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सामाजिक न्याय मंत्री ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह कानून हर अभिभावकहीन बच्चे के अधिकारों की रक्षा करेगा। सरकार इन बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए विशेष कार्यक्रम भी चला रही है।
कानून के प्रमुख प्रावधान
यह नया कानून अनाथ और वंचित बच्चों के जीवन में मौलिक बदलाव लाएगा। इसमें बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रहन-सहन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। कानून बच्चों को सम्मानजनक जीवन और समान अवसर प्रदान करेगा। यह उनके भविष्य को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सरकार ने बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए एक्सपोजर विजिट कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत बच्चों को प्रमुख शहरों का भ्रमण कराया जाएगा। उन्हें हवाई यात्रा और अच्छे होटलों में ठहरने का अनुभव मिलेगा। इन सभी गतिविधियों का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
ऐतिहासिक कदम का महत्व
विधायक संजय रतन ने इस दिन को ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने न केवल कानून बनाया है बल्कि ठोस कदम भी उठाए हैं। इससे अनाथ बच्चों को अधिकारों का कानूनी आधार मिलेगा। उनकी शिक्षा और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित हो सकेगी।
यह पहल पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। अन्य राज्य भी इसी तरह के कानून बनाने के लिए प्रेरित होंगे। बच्चों के कल्याण और संरक्षण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। समाज के वंचित वर्गों तक सहायता पहुंचाने में यह कानून मददगार साबित होगा।
व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम
एक्सपोजर विजिट कार्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक होगा। इससे उन्हें नई जगहों और संस्कृतियों को देखने का अवसर मिलेगा। हवाई यात्रा का अनुभव उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा। तीन सितारा होटलों में ठहरने से उनके सामाजिक कौशल का विकास होगा।
यह कार्यक्रम बच्चों की मानसिक दृष्टि को विस्तार देगा। उन्हें जीवन की नई संभावनाओं का पता चलेगा। शैक्षिक और सांस्कृतिक अनुभवों से उनका ज्ञान बढ़ेगा। इससे उनके भविष्य के लिए नई राहें खुलेंगी।
कार्यक्रम में उपस्थिति
ज्वालामुखी में आयोजित कार्यक्रम में कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। एसडीएम संजीव शर्मा ने इस पहल की सराहना की। जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक शर्मा ने कार्यान्वयन पर चर्चा की। सीएमओ डॉक्टर विवेक ने बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी पहलुओं पर प्रकाश डाला।
अधीक्षण अभियंता विवेक शर्मा ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। सभी अधिकारियों ने इस कानून को समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता बताया। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम माना। कार्यक्रम के बाद मंत्री ने ज्वालामुखी मंदिर में प्रदेश की समृद्धि की प्रार्थना की।
