शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: 75 करोड़ रुपये से चार बड़े अस्पतालों में बनेंगी ऑटोमेटिक लैब, मरीजों को मिलेगा बड़ा फायदा

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Himachal News: सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव करते हुए चार प्रमुख अस्पतालों में ऑटोमेटिक लैबोरेट्री स्थापित करने का फैसला किया है। यह सुविधा हिमाचल में पहली बार आ रही है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चमियाणा, आईजीएमसी, हमीरपुर और टांडा मेडिकल कॉलेज में ये लैब बनेंगी।

इस परियोजना पर करीब 75 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मुख्यमंत्री की अनुमति के बाद स्वास्थ्य सचिव ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। भारत सरकार की एजेंसी के माध्यम से ही यह खरीद की जा रही है। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और बल्क खरीद में दरें कम रहेंगी।

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मरीजों को मिलेंगे ये लाभ

ऑटोमेटेड लैब से एक ही ब्लड सैंपल से सभी तरह के टेस्ट हो पाएंगे। मरीज का बार-बार ब्लड सैंपल लेने की जरूरत नहीं होगी। टेस्ट करने में समय कम लगेगा और डेटा प्रबंधन आसान रहेगा। मशीनों द्वारा जांच से मानवीय त्रुटि की संभावना भी कम हो जाएगी।

इन स्वचालित प्रयोगशालाओं में बायोकेमेस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी और मॉलीक्युलर डायग्नोस्टिक्स जैसे टेस्ट कम समय में होंगे। वर्तमान में सरकारी मेडिकल कॉलेज में निजी एजेंसी के माध्यम से टेस्ट किए जा रहे हैं। इस पूरी प्रक्रिया को अब बदल दिया जाएगा।

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बजट और योजना

वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में इसके लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। बाद में सरकार ने मेडिकल कॉलेज जोड़ने के कारण इस बजट को बढ़ाया। स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह निर्णय लिया गया है।

ऑटोमेशन के जरिए एक साथ सैकड़ों सैंपल्स की जांच संभव होगी। यह बड़े अस्पतालों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। मशीनें सैंपल मिक्सिंग, विश्लेषण और डेटा एंट्री जैसी प्रक्रियाएं खुद करेंगी। इससे तकनीशियन और पैथोलॉजिस्ट को विश्लेषण पर अधिक ध्यान देने का समय मिलेगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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