Himachal News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समापन ऐतिहासिक रहा। शुक्रवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष ने राजनीतिक मतभेद भुला दिए। सभी विधायकों ने जानलेवा ‘चिट्टे’ के खिलाफ एकजुटता दिखाई। विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर एक साथ नजर आए। उन्होंने नशे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विधायकों ने ‘चिट्टा मुक्त हिमाचल’ का संदेश देने वाली विशेष टी-शर्ट पहनी थी। सभी ने एक सुर में नारा दिया, “चिट्टे को भगाना है, युवाओं को बचाना है।” यह पहल हिमाचल प्रदेश की युवा पीढ़ी को बचाने के लिए की गई है।
ग्राम सभाओं तक जाएगा अभियान
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मौके पर मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू की है। यह मुद्दा किसी एक पार्टी का नहीं है। यह प्रदेश के भविष्य से जुड़ा है। नशा तस्कर युवाओं को इसका आदी बना रहे हैं। इसलिए जागरूकता फैलाना सबसे जरूरी है। सरकार अब जिला मुख्यालयों पर रैलियां करेगी। उपमंडल स्तर पर भी कार्यक्रम होंगे। इसमें पक्ष और विपक्ष दोनों शामिल होंगे। सीएम ने बताया कि ग्राम सभाओं के जरिए भी लोगों को जागरूक किया जाएगा।
तस्करों की संपत्ति होगी जब्त
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार का कड़ा रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ युद्ध का ऐलान हो चुका है। पड़ोसी राज्यों से हिमाचल प्रदेश में नशा पहुंच रहा है। इसे रोकने के लिए सरकार सख्त कानून बना रही है। नशे के कारोबार से बनाई गई संपत्ति को सरकार कुर्क (जब्त) कर रही है। पुलिस लगातार आपरेशन चला रही है। कई बड़े गिरोहों का पर्दाफाश किया गया है। अग्निहोत्री ने दावा किया कि इस अभियान के सार्थक परिणाम जल्द सामने आएंगे।
दुर्गम इलाकों तक पहुंचा नशा: जयराम
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने नशे के फैलाव पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पहले नशा सिर्फ सीमावर्ती इलाकों में था। अब यह सुदूर गांवों तक पहुंच गया है। उन दुर्गम इलाकों में भी नशा मिल रहा है जहां जाना मुश्किल है। जयराम ठाकुर ने सरकार को पूरा भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस लड़ाई में सरकार के साथ है। केंद्र और राज्य सरकार के हर प्रयास में विपक्ष कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा। सभी का लक्ष्य नशा खत्म करना है।
