Shimla News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया 5 से 12 अक्टूबर, 2025 तक बारबाडोस की राजधानी ब्रिजटाउन में होने वाले 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में भाग लेंगे। वह वर्तमान में लंदन में हैं और तीन अक्टूबर को सम्मेलन में शामिल होने के लिए ब्रिजटाउन के लिए रवाना होंगे। उनके साथ विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार और विधान सभा सचिव यशपाल शर्मा भी इस दौरे पर हैं।
पठानिया ने बुधवार को लंदन स्थित भारतीय दूतावास इंडिया हाउस में भारत के उच्चायुक्त विक्रम के दोरईस्वामी से भेंट की। इस मुलाकात में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। दोनों नेताों ने द्विपक्षीय संबंधों और भविष्य की योजनाओं पर भी बातचीत की। यह चर्चा बहुत ही सकारात्मक और उपयोगी रही।
इस बैठक के दौरान पठानिया ने सतत पर्यटन के महत्व पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में सतत पर्यटन का विकास समय की सबसे बड़ी मांग है। यह दृष्टिकोण पर्यावरण, समाज और अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इससे वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा किया जा सकता है।
सतत पर्यटन का दृष्टिकोण
पठानिया ने स्पष्ट किया कि सतत पर्यटन एक ऐसा मॉडल है जो दीर्घकालिक सोच पर आधारित है। इसका लक्ष्य पर्यटन को इस तरह विकसित करना है कि वह अनंत काल तक चल सके। यह पृथ्वी की जीवन रक्षक प्रणालियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए आने वाली पीढ़ियों के कल्याण को ध्यान में रखता है। उन्होंने कहा कि यह समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।
उन्होंने ऐतिहासिक उदाहरण देते हुए कहा कि ब्रिटिश काल में शिमला और डलहौजी जैसे स्थानों पर बनी इमारतें आज भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। यह सतत निर्माण और डिजाइन का एक बेहतरीन उदाहरण है। इन्हें देखने के लिए देश-विदेश से हजारों सैलानी हर साल हिमाचल प्रदेश आते हैं। यह पर्यटन की टिकाऊ क्षमता को दर्शाता है।
लंदन में महत्वपूर्ण चर्चाएं
लंदन में उच्चायुक्त से हुई बैठक में कूटनीतिक संबंधों और सहयोग के नए आयामों पर भी बात हुई। दोनों पक्षों ने आपसी हितों के मुद्दों पर सार्थक विचार-विमर्श किया। इससे भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच मजबूत रिश्तों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों को नई गति देने वाला साबित हो रहा है।
पठानिया ने हिमाचल प्रदेश में सतत पर्यटन को बढ़ावा देने के अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और इसके संरक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उनका मानना है कि पर्यटन विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक स्वस्थ संतुलन बनाया जा सकता है। यही सतत विकास की कुंजी है।
राष्ट्रमंडल सम्मेलन की तैयारी
आगामी राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में वैश्विक मंच पर सतत पर्यटन जैसे विषयों को उठाना पठानिया की प्राथमिकता होगी। यह सम्मेलन विभिन्न देशों के बीच विचारों के आदान-प्रदान का एक शानदार अवसर प्रदान करेगा। इससे हिमाचल प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलने की भी उम्मीद है। वे वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखकर राज्य में लागू करना चाहेंगे।
उनके साथ मौजूद विधानसभा उपाध्यक्ष और सचिव ने भी इन महत्वपूर्ण चर्चाओं में सक्रिय भागीदारी निभाई। यह टीम हिमाचल प्रदेश के हितों को प्रभावी ढंग से वैश्विक मंच पर रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उनका यह प्रयास राज्य के विकास में एक नया अध्याय जोड़ सकता है। इस पूरे दौरे का उद्देश्य ज्ञान अर्जित करना और अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना है।
यह राष्ट्रमंडल सम्मेलन संसदीय लोकतंत्र और शासन पर केंद्रित होगा। इसमें दुनिया भर के संसदीय प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। पठानिया इस महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश और भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। इससे उन्हें वैश्विक चुनौतियों और समाधानों को समझने का मौका मिलेगा।
