Himachal News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को पूर्व भाजपा सरकार पर उद्योगों को रियायतें देने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने उद्योगपतियों को कौड़ियों के भाव जमीन बेची और अनुचित रियायतें दीं। इस पर विपक्ष ने हंगामा करते हुए सदन का वॉकआउट किया।
मुख्यमंत्री के गंभीर आरोप
मुख्यमंत्री सुक्खू ने दावा किया कि भाजपा सरकार ने एक रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से हजारों बीघा जमीन उद्योगपतियों को बेची। उन्होंने बताया कि सरकार ने 10 साल तक तीन रुपये प्रति यूनिट की किफायती दर पर बिजली और स्टांप शुल्क से पूरी छूट जैसी रियायतें दीं। सुक्खू ने कहा कि यह विशेष पैकेज लोगों का पैसा लूटने के लिए बनाया गया था।
विपक्ष की प्रतिक्रिया और वॉकआउट
मुख्यमंत्री के इन आरोपों पर विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा किया। भाजपा विधायकों ने नारेबाजी की और सदन का बहिष्कार किया। विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र को नष्ट कर दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री के आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया।
उद्योग मंत्री ने दिए आंकड़े
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने सदन को बताया कि पिछले ढाई वर्षों में 115 औद्योगिक इकाइयां बंद हो गईं। इससे 3,350 लोग बेरोजगार हुए। मंत्री ने यह भी बताया कि 55 इकाइयों ने पुनः परिचालन शुरू कर दिया है। यह जानकारी भाजपा विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर के प्रश्न के जवाब में दी गई।
सरकार की भविष्य की योजना
मुख्यमंत्री सुक्खू ने घोषणा की कि सरकार इस तरह लूटे गए धन का ब्योरा एकत्र करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार 2019 की नीति को बदलकर नई नीति लागू करेगी। इसके तहत उद्योगों को दी जाने वाली रियायतों में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। सरकार का लक्ष्य राज्य में औद्योगिक विकास को नई दिशा देना है।
