Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की राजनीति में शीतकालीन सत्र को लेकर चहलकदमी तेज हो गई है। भाजपा विधायक दल की बैठक बुधवार को शिमला में हो रही है। इस बैठक की अध्यक्षता नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर करेंगे। पार्टी अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल भी विशेष रूप से इस बैठक में शामिल होंगे। दोनों वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में सत्र की रणनीति तय होगी।
धर्मशाला में होगा शीतकालीन सत्र
विधानसभा का शीतकालीन सत्र 26 नवंबर से धर्मशाला के तपोवन में शुरू होगा। यह सत्र पांच दिसंबर तक चलेगा। सरकार ने इस दौरान आठ बैठकों का कार्यक्रम तय किया है। विपक्षी भाजपा सत्र के दौरान सरकार पर हमलावर रुख अपनाने की तैयारी में है। पार्टी ने सभी विधायकों को बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं।
सरकार के कामकाज की होगी समीक्षा
बैठक में वर्तमान कांग्रेस सरकार के कामकाज की विस्तृत समीक्षा की जाएगी। विपक्ष सत्र के दौरान किस मुद्दे पर कितना आक्रामक रुख अपनाएगा, इस पर विचार-विमर्श होगा। भाजपा का प्रयास रहेगा कि हर दिन सरकार को घेरने के लिए ठोस मुद्दे और तथ्य पेश किए जाएं। पार्टी लंबे समय से उठाए जा रहे मुद्दों पर फोकस करेगी।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
बैठक में कानून-व्यवस्था और बढ़ते अपराधों पर विस्तार से चर्चा होगी। कर्मचारियों और पेंशनरों से जुड़े मामलों को उठाने की योजना है। आर्थिक स्थिति और बढ़ते राज्य ऋण पर सरकार को घेरा जाएगा। विकास परियोजनाओं में आ रही सुस्ती प्रमुख मुद्दा रहेगी। दुकानदारों, किसानों और युवाओं से जुड़े लंबित मामलों पर भी चर्चा होगी।
प्रतिदिन की रणनीति पर काम
विधायक दल की बैठक में सत्र के प्रत्येक दिन के लिए संगठित रणनीति बनाई जाएगी। इसका उद्देश्य सत्र में सरकार को मजबूती से कटघरे में खड़ा करना है। भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी सरकार की कमजोरियों को उजागर करने पर केंद्रित रहेगी। प्रदेश संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी भी बैठक में शामिल होंगे।
पार्टी की एकजुटता दिखाना लक्ष्य
बैठक का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य पार्टी की एकजुटता और तैयारी को मजबूत दिखाना है। भाजपा विधायकों से अपेक्षा की जा रही है कि वे सत्र में सक्रिय भूमिका निभाएं। नेतृत्व चाहता है कि सरकार के खिलाफ जनता की नाराजगी को प्रभावी ढंग से उठाया जाए। इसके लिए हर विधायक को तैयार रहना होगा।
सत्र की तैयारियां जोरों पर
धर्मशाला में होने वाले शीतकालीन सत्र की तैयारियां तेजी से जारी हैं। सरकार और विपक्ष दोनों अपनी-अपनी रणनीतियों में व्यस्त हैं। भाजपा की यह बैठक सत्र पूर्व तैयारियों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। पार्टी स्रोतों का कहना है कि सरकार पर सवाल उठाने के लिए ठोस आंकड़े एकत्र किए जा रहे हैं।
