Shimla News: हिमाचल प्रदेश हार्टिकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग एंड प्रोसेसिंग कॉर्पोरेशन (एचपीएमसी) ने इस सीजन में अब तक बागवानों से 44 हजार टन सेब की खरीद की है। भारी बारिश और सड़क क्षति के कारण सेब की आपूर्ति बाधित हुई है। अधिकांश खरीद केंद्रों तक बड़े वाहन नहीं पहुंच पा रहे हैं। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने एचपीएमसी अधिकारियों के साथ हाल की स्थिति पर चर्चा की।
एचपीएमसी के लगभग 274 खरीद केंद्रों में से 240 को खोला गया है। इनमें से 135 केंद्रों पर अभी भी सेब नहीं पहुंच पाया है। केवल छोटे वाहन ही प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंच बना पा रहे हैं। बड़े ट्रक सड़कों की खराब हालत के कारण फंसे हुए हैं। इससे सेब के खराब होने का खतरा पैदा हो गया है।
तीन एचपीएमसी ट्रक दुर्घटनाग्रस्त भी हुए हैं। सौभाग्य से इन हादसों में किसी जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। प्रशासन सड़कों की मरम्मत में जुटा हुआ है। उम्मीद है कि जल्द ही परिवहन सुधरेगा। इससे सी और डी ग्रेड के सेब की आवक बढ़ेगी।
बागवानों को इस बार अपने भुगतान के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। एचपीएमसी उन्हें नकद भुगतान या फिर कीटनाशक और खाद उपलब्ध कराता है। कंपनी की वित्तीय स्थिति पर भी असर पड़ रहा है। पिछले साल की खरीद के एवज में सरकार से 17 करोड़ रुपये की बकाया राशि अभी तक नहीं मिली है।
इस साल एचपीएमसी ने 12 रुपये प्रति किलो के भाव से सेब खरीदना शुरू किया था। पिछले साल पूरे सीजन में केवल दो हजार टन सेब ही खरीदा गया था। इस बार एचपीएमसी ही प्रमुख खरीदार है। कई इलाकों से खरीद केंद्र न खुलने की शिकायतें भी मिल रही हैं।
एचपीएमसी ने इस बार तीन हजार टन एप्पल कंसंट्रेट बनाने का लक्ष्य रखा है। पिछले साल दो हजार टन कंसंट्रेट तैयार किया गया था। इस उत्पाद को बाजार में बेचने के लिए कंपनी ने अन्य कंपनियों से बातचीत शुरू कर दी है। इससे राज्य का सेब की कीमतें संतुलित रखने में मदद मिलेगी।
