शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: पांच साल बाद एक वोट से जीती लड़ाई, रंजू नेगटा को दो महीनों के लिए मिला प्रधान पद

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश के जुब्बल विकास खंड की सारी पंचायत में रंजू नेगटा ने प्रधान पद की शपथ ली। उन्होंने पांच साल तक उच्च न्यायालय में कानूनी लड़ाई लड़ी। जुब्बल के एसडीएम गुरमीत नेगी ने शुक्रवार को उन्हें पद की शपथ दिलाई। इससे पहले अनु रांगटा को प्रधान पद से हटा दिया गया।

यह मामला वर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनाव से जुड़ा है। चुनाव में अनु रांगटा को एक वोट से जीत घोषित किया गया था। रंजू नेगटा ने चुनाव परिणाम को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। अदालत ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया।

चुनाव में एक वोट का अंतर

सारी पंचायत में रंजू नेगटा और अनु रांगटा प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रही थीं। 21 जनवरी 2021 को घोषित नतीजों में अनु रांगटा को 247 वोट मिले। रंजू नेगटा को 246 वोट प्राप्त हुए। महज एक वोट के अंतर से अनु रांगटा को विजयी घोषित किया गया।

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रंजू नेगटा ने चुनाव परिणाम पर आपत्ति जताई। उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उनका आरोप था कि उनके पक्ष के कई वोट गलत तरीके से अवैध करार दिए गए। साथ ही कुछ वोट अनुचित रूप से मान्य माने गए।

वोटों की दोबारा गिनती

उच्च न्यायालय ने चुनावी रिकॉर्ड मंगवाए। अदालत ने वोटों की दोबारा गिनती का आदेश दिया। पुनर्गणना के दौरान नया तथ्य सामने आया। अनु रांगटा को कुल 244 वोट मिले थे। रंजू नेगटा को 245 वोट प्राप्त हुए थे।

26 सितंबर को न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया। अदालत ने रंजू नेगटा को सारी पंचायत की प्रधान घोषित किया। उपायुक्त शिमला ने 14 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की। इसके बाद शुक्रवार को रंजू नेगटा ने शपथ ग्रहण की।

न्याय की जीत

नवनिर्वाचित प्रधान रंजू नेगटा ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि पांच साल की कानूनी लड़ाई के बाद यह ऐतिहासिक पल आया। चुनाव में हुई धांधली का अब खुलासा हुआ है। उन्हें खुशी है कि आखिरकार न्याय की जीत हुई।

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रंजू नेगटा ने कहा कि यह लंबी और चुनौतीपूर्ण लड़ाई थी। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और न्याय प्रणाली पर विश्वास बनाए रखा। अब वह पंचायत के विकास के लिए काम करना चाहती हैं। उनका कार्यकाल दिसंबर तक रहेगा।

दिसंबर में नए चुनाव

रंजू नेगटा का कार्यकाल केवल दो माह के लिए है। दिसंबर या जनवरी में पंचायत चुनाव होने हैं। नए चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यह मामला पंचायत चुनावों में मतगणना की सटीकता पर सवाल उठाता है।

उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप से सही परिणाम सामने आया। इससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता की आवश्यकता रेखांकित हुई। भविष्य में ऐसे विवादों से बचने के लिए सतर्कता जरूरी है। मतगणना प्रक्रिया और अधिक सटीक होनी चाहिए।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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