Himachal News: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में एक भावुक कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां चार अनाथ बच्चे फटी छत के नीचे कड़कड़ाती ठंड में जीने को मजबूर थे। इनका वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया है। अब इन बच्चों को सरकार ने ‘सुख आश्रय योजना’ के तहत सहारा दिया है। हिमाचल प्रदेश में बेसहारा बच्चों के लिए यह योजना वरदान साबित हो रही है।
मां ने छोड़ा, पिता की मौत
मटवाड़ गांव के जगीर सिंह की मौत के बाद उनका परिवार बिखर गया। उनकी पत्नी चार बच्चों को बेसहारा छोड़कर चली गई। रिपोर्ट के मुताबिक, उसने दूसरी शादी कर ली है। निशा (17), संतोष (15), मीना (11) और अर्जुन (8) अकेले रह गए। उनके पास सिर छिपाने को पक्का मकान भी नहीं था। हिमाचल प्रदेश की कड़ाके की ठंड में वे टूटी झोपड़ी में ठिठुर रहे थे। घर में खाने का भी संकट था।
वीडियो से बदला जीवन
पंचायत और स्थानीय विभाग की नजर पहले इन पर नहीं पड़ी। हाल ही में किसी ने बच्चों की बदहाली का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर डाल दिया। वीडियो वायरल होते ही हिमाचल प्रदेश का स्थानीय प्रशासन जागा। बाल कल्याण समिति के सदस्य तुरंत गांव पहुंचे। उन्होंने मौके पर हालात का जायजा लिया। समिति ने बच्चों को अब सरकारी संरक्षण में ले लिया है।
सुख आश्रय योजना से मदद
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष वाईके मरवाह ने बच्चों का दर्द साझा किया। उन्होंने कहा कि बच्चों को मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना से जोड़ा जाएगा। दो बच्चों को प्रतिमाह 4000 रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी। अब इनके रहने, खाने और शिक्षा का पूरा इंतजाम सरकार करेगी। प्रशासन ने बच्चों को सुरक्षित माहौल देने का वादा किया है।
क्यों नहीं बना पक्का मकान?
पंचायत सचिव चमन शर्मा ने भी मामले पर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि बच्चों के पिता के नाम पर आवास मंजूर हुआ था। मगर उनके निधन के समय बच्चे नाबालिग थे। सरकारी नियमों की वजह से मकान का काम शुरू नहीं हो सका। इसी कारण यह परिवार आज भी कच्ची छत के नीचे रहने को मजबूर था।
