Himachal News: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में नए अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संकेत दिए हैं कि अगले पंद्रह दिनों में इस संबंध में निर्णय होगा। वर्तमान में मंत्रिमंडल में एक पद रिक्त है और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के अध्यक्ष बनने पर दो पद खाली हो जाएंगे।
राज्य सरकार के तीन साल पूरे होने के बाद अंतिम दो वर्षों में नया उत्साह लाने की योजना है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में सात लक्ष्य निर्धारित किए हैं जिनमें शिक्षा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इन विभागों की समीक्षा स्वयं मुख्यमंत्री करते रहते हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाएं
रोहित ठाकुर के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की स्थिति में मंत्रिमंडल में दो पद रिक्त हो जाएंगे। इसके अलावा एक मंत्री के पद छोड़ने की भी चर्चा है। ऐसे में तीन नए मंत्रियों के नियुक्त होने की संभावना बन रही है। मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव हो सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने अपने बेटे को सक्रिय राजनीति में लाने की शर्त पर मंत्री पद छोड़ने की इच्छा जताई है। उनके बेटे को किसी निगम या बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की भी चर्चा है। इस स्थिति में मंत्रियों के तीन पदों पर नई नियुक्तियां हो सकती हैं।
संसदीय क्षेत्रों में संतुलन
मंत्रिमंडल विस्तार में शिमला संसदीय क्षेत्र को प्रमुखता मिलने की संभावना है। इस क्षेत्र के तीनों जिले ऐतिहासिक रूप से कांग्रेस के साथ रहे हैं। पिछले चुनावों में भी इस क्षेत्र ने पार्टी को अच्छा समर्थन दिया था। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखना प्राथमिकता होगी।
यदि विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाता है तो संजय रत्न विधानसभा अध्यक्ष बन सकते हैं। इससे कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से एक और मंत्री बनेगा। वर्तमान में इस सीट से चंद्र कुमार और यादवेंद्र गोमा कैबिनेट मंत्री हैं।
मंडी संसदीय क्षेत्र को प्रतिनिधित्व
मंत्रिमंडल विस्तार होने पर मंडी संसदीय क्षेत्र को भी प्रतिनिधित्व मिलने की उम्मीद है। कुल्लू जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुंदर सिंह ठाकुर के मंत्री बनने की चर्चा है। मंडी जिले से एकमात्र कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर को मुख्य सचेतक पद मिल सकता है।
शिमला संसदीय सीट से भी एक मंत्री पद मिलना संभावित है। यदि कर्नल धनीराम शांडिल मंत्रिमंडल छोड़ते हैं तो अर्की विधानसभा सीट के विधायक संजय अवस्थी को मंत्री पद मिल सकता है। इससे जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण संतुलित होंगे।
राजनीतिक रणनीति
कांग्रेस पार्टी की रणनीति सरकार के अंतिम दो वर्षों में नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की है। मंत्रिमंडल विस्तार और पार्टी संगठन में बदलाव इसी दिशा में कदम माने जा रहे हैं। नेतृत्व चाहता है कि अगले चुनाव से पहले सरकार की छवि मजबूत हो।
मुख्यमंत्री सुक्खू लगातार विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं और जनसमस्याओं को सुन रहे हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधारों पर विशेष जोर दिया जा रहा है। नए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मंत्रिमंडल में ताजगी लाना जरूरी समझा जा रहा है।
राज्य सरकार के समक्ष कई चुनौतियां हैं जिनसे निपटने के लिए मजबूत टीम की आवश्यकता है। मंत्रिमंडल विस्तार और पार्टी संगठन में बदलाव से सरकार के कामकाज में नई गति आने की उम्मीद है। अगले कुछ सप्ताह में इन मामलों में महत्वपूर्ण निर्णय होने की संभावना है।
