Himachal News: शिमला जिले के ठियोग उपमंडल के नमाणा गांव में भीषण आग लगने से पांच लकड़ी के मकान जलकर राख हो गए। इस आग में एक गाय की भी मौत हो गई। आग तब भड़की जब एक घर से उठी लपटों ने आसपास के मकानों को अपनी चपेट में ले लिया। सिलिंडर फटने से आग और भयानक रूप ले लिया।
तीन सगे भाई बालक राम, संतराम और लायक राम के घर पूरी तरह नष्ट हो गए। हरि राम और रति राम के मकान भी आग की भेंट चढ़ गए। कुल चौबीस लोगों के पास अब तन पर पहने कपड़ों के सिवा कुछ नहीं बचा है। सभी प्रभावित परिवारों को सामुदायिक भवन में ठहराया गया है।
आग बुझाने में आई दिक्कतें
गांव के लोगों ने टैंकों और टुल्लू पंप से आग बुझाने की कोशिश की। लकड़ी के बने मकान तेजी से आग की चपेट में आ गए। फायर ब्रिगेड की छोटी गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। संकरी और क्षतिग्रस्त सड़क के कारण बड़े फायर टेंडर नहीं पहुंच पाए।
इस वजह से आग पर काबू पाने में काफी देर लग गई। स्थानीय लोग बेबस होकर आग देखते रहे। आग इतनी तेज थी कि कुछ ही देर में पूरे मकान राख हो गए। लोगों ने अपना सब कुछ खो दिया।
प्रशासन की राहत कार्रवाई
एसडीएम ठियोग शशांक गुप्ता ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावित परिवारों को पांच-पांच हजार रुपये की तत्काल राहत राशि दी। तरपाल और कंबल भी वितरित किए गए। सभी परिवार गांव के सामुदायिक भवन में रह रहे हैं।
ग्रामीणों की मदद से भोजन और अन्य जरूरी सामान जुटाया गया है। प्रशासन ने आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी है। संभावना जताई जा रही है कि गैस सिलिंडर के फटने से आग भड़की होगी। अधिकारी नुकसान का आकलन कर रहे हैं।
प्रभावित परिवारों की स्थिति
बालक राम की एक गाय आग में जलकर मर गई। तीनों भाइयों के परिवारों का सब कुछ नष्ट हो गया। हरि राम और रति राम के घर भी पूरी तरह जल गए। सभी प्रभावित लोगों के पास अब कोई घर नहीं बचा है।
लोगों ने अपना सारा सामान और जमा पूंजी खो दी है। बच्चों की पढ़ाई का सामान भी आग में जल गया। लोग मानसिक रूप से परेशान हैं। वे सरकार और प्रशासन से मदद की उम्मीद कर रहे हैं। स्थानीय लोग भी प्रभावितों की मदद के लिए आगे आए हैं।
भविष्य की कार्रवाई
प्रशासन ने प्रभावितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। आग लगने के सही कारणों की जांच की जा रही है। गांव में अग्नि सुरक्षा के उपायों पर विचार किया जा रहा है। संकरी सड़कों को चौड़ा करने की योजना बनाई जा सकती है।
प्रभावित परिवारों को दीर्घकालिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उनके घरों के पुनर्निर्माण के लिए मदद दी जा सकती है। जिला प्रशासन ने राहत कार्यों को तेज कर दिया है। स्थानीय नेताओं ने भी मदद का आश्वासन दिया है।
