Dharamshala News: पर्यटन नगरी में सरकारी भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है। प्रशासन ने सरकारी जमीन को करोड़ों रुपये में बेचने के आरोप में जांच शुरू कर दी है। Himachal Pradesh के कांगड़ा उपायुक्त ने एसडीएम और तहसीलदार को तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इस घोटाले में कई रसूखदार नेताओं और बड़े कारोबारियों के शामिल होने की आशंका है। राजस्व विभाग ने ऐसे 35 संदिग्ध जमीनी सौदों (इंतकाल) की सूची तैयार की है।
इन इलाकों में बेची गई सरकारी जमीन
यह पूरा मामला धर्मशाला तहसील के तीन प्रमुख क्षेत्रों से जुड़ा है। जांच के दायरे में मोहली हारां दी मौजा खनियारा, मुहाल चकवन और मुहाल ठेहड़ शामिल हैं। राजस्व रिकॉर्ड की जांच में यहाँ सरकारी जमीनों की बिक्री के 35 अलग-अलग मामले सामने आए हैं। प्रशासन यह पता लगा रहा है कि सरकारी जमीन की रजिस्ट्री कैसे हुई।
पांच साल पुराना है यह सुनियोजित खेल
सूत्रों के अनुसार यह फर्जीवाड़ा करीब पांच साल पहले हुआ था। सरकारी जमीन को बेचना पूरी तरह गैरकानूनी है। इसके बावजूद एक सोची-समझी साजिश के तहत करोड़ों रुपये का खेल खेला गया। दस्तावेजों में राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों के नाम सामने आ रहे हैं। शहर के कई बड़े व्यापारी भी इस खरीद-फरोख्त में शामिल हैं। Himachal Pradesh में सरकारी संपत्ति के ऐसे दोहन ने सबको चौंका दिया है।
अधिकारियों और दलालों की मिलीभगत
इस घोटाले में दलालों और राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। माना जा रहा है कि नियमों को ताक पर रखकर यह खेल रचा गया। उपायुक्त कांगड़ा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित जांच के निर्देश दिए हैं। एसडीएम धर्मशाला मोहित रतन ने तहसीलदार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। तहसीलदार गिरिराज ठाकुर ने पुष्टि की है कि विभाग हर पहलू की बारीकी से जांच कर रहा है।
