Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने नशे के खिलाफ चल रहे अभियान को नई ताकत देने का फैसला किया है। सरकार जल्द ही एंटी-चिट्टा वालंटियर योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत पूरे प्रदेश में एक हज़ार स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे। ये स्वयंसेवक समाज और पुलिस के बीच एक कड़ी का काम करेंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस योजना की घोषणा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मंडी जिले के सरकाघाट में की थी। इस घोषणा के बाद पुलिस विभाग ने सरकार के सामने एक विस्तृत प्रस्ताव पेश किया है। यह योजना नशामुक्त हिमाचल के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
स्वयंसेवकों की भूमिका और जिम्मेदारियां
इन स्वयंसेवकों का मुख्य काम समुदाय और युवाओं को नशीले पदार्थों के दुष्प्रभावों के बारे में शिक्षित करना होगा। वे लोगों को नशे की लत से उबरने में मदद करेंगे। साथ ही, वे संदिग्ध गतिविधियों और नशे के अड्डों की गोपनीय जानकारी पुलिस तक पहुंचाएंगे।
ये स्वयंसेवक स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेंगे। वे रैलियां, नुक्कड़ नाटक और सोशल मीडिया अभियान चलाएंगे। नशे की लत से पीड़ित लोगों को काउंसलिंग और पुनर्वास केंद्रों से जोड़ना भी इनका काम होगा। सरकार इन स्वयंसेवकों को उनकी सेवाओं के लिए मानदेय भी देगी।
स्वयंसेवकों की सुरक्षा और प्रशिक्षण
सरकार ने स्वयंसेवकों की सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किए हैं। उन्हें किसी भी तरह की फील्ड पहचान में शामिल नहीं किया जाएगा। पुलिस उनकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखेगी। जरूरत पड़ने पर संवेदनशील मामलों में उन्हें सुरक्षा भी प्रदान की जाएगी।
सभी स्वयंसेवकों को दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण में उन्हें नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट की जानकारी दी जाएगी। पुलिस प्रक्रियाओं और सामुदायिक सहभागिता के बारे में भी बताया जाएगा। इससे उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी।
नशा विरोधी अभियान को मिलेगी गति
मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में पिछले ढाई साल में नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हुई है। सरकार ने इस दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं। इस नई योजना से जमीनी स्तर पर खुफिया जानकारी का तंत्र मजबूत होगा। समाज में जागरूकता का स्तर बढ़ेगा।
पीड़ित लोगों को बेहतर पुनर्वास सुविधाएं मिल सकेंगी। इस पहल का मुख्य लक्ष्य प्रदेश को पूरी तरह नशामुक्त बनाना है। सरकार का मानना है कि समुदाय की सक्रिय भागीदारी से यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। यह योजना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
