शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: लगातार तीसरे साल नवंबर में 90% कम बारिश, जल संकट गहराया

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश इस साल लगातार तीसरे वर्ष नवंबर में सूखे का सामना कर रहा है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस महीने सामान्य से लगभग नब्बे प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई है। यह स्थिति पिछले साल से थोड़ी बेहतर है लेकिन फिर भी चिंताजनक बनी हुई है। इस सूखे का सीधा असर राज्य के जल स्रोतों पर पड़ रहा है।

पूरे प्रदेश के सभी जिलों में इस माह वर्षा की कमी देखी गई है। मौसम विभाग ने पच्चीस नवंबर तक मौसम साफ रहने का अनुमान जताया है। इससे तत्काल राहत की कोई उम्मीद नहीं है। कृषि, बागवानी और पेयजल आपूर्ति पर इसके गंभीर प्रभाव की आशंका है।

पिछले वर्षों की स्थिति

पिछलेसाल नवंबर में हिमाचल प्रदेश में निन्यानबे प्रतिशत की रिकॉर्ड कमी दर्ज हुई थी। वर्ष 2021 में भी पिचानवे प्रतिशत कम बारिश हुई थी। लगातार तीन वर्षों तक बारिश न होना एक बड़ा चिंता का विषय बन गया है। विशेषज्ञ इसे जलवायु परिवर्तन का सीधा प्रभाव मान रहे हैं।

इस सूखे का असर राज्य के जल स्रोतों पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। नदियों, झरनों और कुओं का जल स्तर लगातार गिर रहा है। गर्मियों में पेयजल संकट और गहरा सकता है। स्थानीय लोगों को पहले से ही पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

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बढ़ती सर्दी का प्रकोप

एक तरफ जहांबारिश की कमी ने सूखे की चुनौती खड़ी कर दी है, वहीं दूसरी तरफ कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तापमान तेजी से गिर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि पश्चिमी विक्षोभों की अनुपस्थिति के कारण यह गिरावट दर्ज की जा रही है।

सुबह और शाम के समय ठिठुरन इतनी बढ़ गई है कि कई स्थानों पर तापमान दस डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। मंगलवार रात से बुधवार सुबह के बीच राज्य के चौबीस स्थानों पर पारा काफी नीचे रिकॉर्ड किया गया। लोगों ने गर्म कपड़े निकाल लिए हैं।

पहाड़ों में शून्य से नीचे तापमान

लाहौल-स्पीतिके कुकुमसेरी और ताबो में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे दर्ज हुआ है। केलांग का तापमान भी लगभग शून्य के आसपास पहुंच गया है। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का इंतजार जारी है। पर्यटक भी बर्फबारी शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।

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निचले क्षेत्रों जैसे सुंदरनगर और बिलासपुर में सुबह के समय मध्यम कोहरा दिखाई दे रहा है। यह बढ़ती सर्दी का संकेत है। सड़कों पर यातायात भी कोहरे के कारण प्रभावित हो रहा है। ड्राइवरों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

किसानों पर दोहरा संकट

हिमाचल प्रदेश केकिसान इस समय सूखे और सर्दी की दोहरी मार झेल रहे हैं। बारिश न होने से रबी की फसलों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। सर्दी के कारण फसलों के विकास पर भी असर पड़ रहा है। बागवानी से जुड़े लोगों को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

सेब उत्पादकों को चिंता सता रही है। उन्हें बर्फबारी का इंतजार है। बिना बर्फबारी के सेब के बागानों को पर्याप्त ठंड नहीं मिल पाएगी। इससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन पर बुरा असर पड़ सकता है। किसान मौसम में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।

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